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महाकुंभ भगदड़: 30 की मौत, 60 घायल, प्रशासन ने जारी किया आंकड़ा

प्रयागराज: महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 60 लोग घायल हो गए। मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मृतकों में से 25 की पहचान हो चुकी है। घटना के पीछे भारी भीड़ को वजह बताया जा रहा है। हालांकि, प्रशासन ने तेजी से स्थिति को नियंत्रित कर लिया।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जताई संवेदना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को "अत्यंत दुखद" करार देते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह उत्तर प्रदेश सरकार के संपर्क में हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं। दिल्ली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,
"इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में हमने कुछ पुण्यात्माओं को खो दिया और कई घायल हो गए। मैं उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।"
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने चार बार फोन कर घटना की जानकारी ली। गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी हालात पर अपडेट लिया।
विपक्ष पर साजिश के आरोप
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इस भगदड़ को विपक्ष की "साजिश" करार दिया और मामले की जांच की मांग की है। परिषद के अनुसार, इस तरह की घटनाएं कुंभ की व्यवस्था को बदनाम करने के लिए कराई जाती हैं।
स्थिति नियंत्रण में, श्रद्धालु कर रहे स्नान
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि मौनी अमावस्या के अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु कुंभ में स्नान करने पहुंचे थे, जिससे भीड़ अचानक बढ़ गई। हालांकि, कुछ देर के व्यवधान के बाद स्नान प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी है और श्रद्धालु अपनी आस्था के अनुसार स्नान कर रहे हैं।
प्रशासन द्वारा घायलों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, और सभी का इलाज बिना किसी वीआईपी प्रोटोकॉल के किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीर रूप से घायलों को हरसंभव मदद देने का निर्देश दिया है।
भगदड़ की यह घटना कुंभ जैसे विशाल आयोजन में भीड़ प्रबंधन की गंभीर चुनौती को उजागर करती है। प्रशासन ने स्थिति पर नियंत्रण पा लिया है, लेकिन इस घटना के पीछे के कारणों की गहन जांच आवश्यक है ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को टाला जा सके।