कासगंज : मोहनी हत्याकांड...आरोपी अधिवक्ता को उच्च न्यायालय से मिली जमानत

कासगंज। महिला अधिवक्ता हत्याकांड में अब अधिवक्ताओं को राहत मिल रही है। जेल में बंद आरोपित अधिवक्ताओं को जमानत मिलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एक अधिवक्ता को जमानत मिल चुकी है, जबकि अन्य अधिवक्ता भी कतार में हैं। संभावना जताई जा रही है कि अन्य अधिवक्ताओं को भी जल्द जमानत मिल सकती है। उच्च न्यायालय में अन्य आरोपियों ने जमानत अर्जी दाखिल कर दी है।

न्यायालय के मुख्य द्वार से महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर रहस्यमय तरीके से तीन सितंबर को लापता हुई थीं। चार सितंबर को उनका शव गोरहा के नहर के रजपुरा माइनर में मिला। महिला अधिवक्ता के पति विजेंद्र तोमर की तहरीर के आधार पर अधिवक्ता मुनाजिर रफी, असद अहमद, मुस्तफा कामिल के अलावा दो अन्य अधिवक्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इन सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

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पुलिस ने एक महिला और एक पुरुष को भी गिरफ्तार किया, जिनसे पता चला कि सुनील फौजी और रजत सोलंकी नामक फरार आरोपित सुपारी किलर हैं। इन पर पुलिस ने 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। चार दिसंबर को पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की, लेकिन न्यायालय ने इसे स्वीकार नहीं किया और एसपी को नोटिस जारी कर कड़ी नाराजगी जताई। कहा गया कि न्यायालय के कहने के बावजूद विवेचना में कोई बदलाव क्यों नहीं किया गया।

अब सोमवार को सुनवाई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में हुई। यहां दोनों पक्षों को सुना गया। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने जमानत अर्जी मंजूर की और चार्जशीट को भी स्वीकार कर लिया। आरोपी उच्च न्यायालय चले गए, जहां से अधिवक्ता केशव मिश्रा को राहत मिली और उनकी जमानत अर्जी मंजूर कर दी गई।

अभी आदेश मेरे पास नहीं आया है। आदेश का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि आरोपी अधिवक्ता केशव मिश्रा को जमानत मिल गई है। -ठाकुर संजीव सिंह यदुवंशी, जिला शासकीय अधिवक्ता (अपराध)

Edited By: Parakh Khabar

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