बलिया में लेखपाल व तहसीलदार की मनमानी के खिलाफ प्रदर्शन

बलिया जिले की गोंड, खैरवार जातियों को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता दी गई है लेकिन फिर भी सरकारी कर्मचारियों द्वारा संबंधित जातियों के लोगों को परेशान किया जा रहा है.

Ballia: बलिया जिले की गोंड, खैरवार जातियों को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता दी गई है लेकिन फिर भी सरकारी कर्मचारियों द्वारा संबंधित जातियों के लोगों को परेशान किया जा रहा है. जाति के लोगों ने ऐसा आरोप लगाया है।

गोंड-खैरवार जाति के लोगों का कहना है कि जब हम जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं तो उसे लेखपाल और तहसीलदार खारिज कर देते हैं. सरकारी अधिकारियों के इस रवैये से व्यथित जाति के लोगों ने आज 13 मार्च को जिलाधिकारी रवींद्र कुमार को एक ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने भारत के राजपत्र, संविधान और शासनादेश की अवहेलना करने वाले तहसीलदारों और लेखपालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

यह भी पढ़े - सावन की पहली सोमवारी पर शिवमय हुई भृगुनगरी, गूंजते रहे 'बम-बम भोले' के जयकारे

इस मौके पर अपनी बात रखते हुए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद गोंडवाना ने कहा कि भाजपा के शासन में लेखपाल, तहसीलदार घोर जनादेश और संविधान का अनादर कर रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि जाति प्रमाण पत्र के अभाव में आदिवासी गोंड, खरवार छात्र-युवाओं का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है. विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के फार्म भरने से अगली कक्षा में प्रवेश, छात्रवृत्ति व नौकरी से वंचित हो रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय पर जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

इस मौके पर वरिष्ठ नेता चितेश्वर गोंड, गुलाब गोंड, ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एजीएसए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज शाह, जिलाध्यक्ष राकेश गोंड, गोंगपा दादा अलगू गोंड के जिलाध्यक्ष, जिलाध्यक्ष सुमेर गोंड, तहसील अध्यक्ष संजय गोंड, हीरालाल गोंड प्रमुख रूप से मौजूद रहे. अवसर। दुर्गविजय खरवार, शिवशंकर खरवार, रामसेवक खरवार, संतोष खरवार, ओमप्रकाश खरवार, शिवजी खरवार, इंद्रजीत गोंड भी मौजूद रहे।

खबरें और भी हैं

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.