Varanasi News: एनएसएस विशेष शिविर का शुभारंभ, कुलपति ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

वाराणसी। राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) का आदर्श वाक्य "मैं नहीं, आप" लोकतांत्रिक जीवन का सार व्यक्त करता है। यह निस्वार्थ सेवा की भावना को प्रोत्साहित करता है और यह दर्शाता है कि व्यक्ति का वास्तविक कल्याण समाज की भलाई पर निर्भर करता है। इसी सोच के तहत सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी की एनएसएस इकाई द्वारा सात दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन किया गया।

कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने श्री रामरमी आश्रम, जाल्हूपुर के लिए रवाना होने वाले शिविर को केंद्रीय कार्यालय से हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि "मैं नहीं, आप" का सिद्धांत "वसुधैव कुटुंबकम" की भावना को दर्शाता है और समाज के प्रति निःस्वार्थ सेवा की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

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स्वयंसेवकों को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने पर जोर

कुलपति ने कहा कि इस शिविर का मुख्य उद्देश्य स्वयंसेवकों को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है। इसके माध्यम से उन्हें भारत के विभिन्न राज्यों की परंपराओं, रीति-रिवाजों, संस्कृति और भाषाओं का अनुभव मिलेगा। यह शिविर छात्रों के समग्र व्यक्तित्व विकास में भी सहायक होगा।

एनएसएस समन्वयक ने दी जानकारी

एनएसएस विश्वविद्यालयीय इकाई के समन्वयक प्रो. राघवेंद्र दुबे ने बताया कि सात दिवसीय विशेष शिविर के तहत स्वयंसेवकों को सामुदायिक सेवा के माध्यम से नेतृत्व और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना विकसित करने का अवसर मिलेगा। शिविर में स्वच्छता अभियान, सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम और विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

शुभारंभ के दौरान लिया संकल्प

कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने मंगलाचरण किया और विश्वविद्यालय के ध्येय वाक्य के अनुरूप कार्य करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ. विशाखा शुक्ला, डॉ. विजेंद्र कुमार आर्य, डॉ. सत्येंद्र कुमार यादव, डॉ. कुंजबिहारी द्विवेदी सहित कई छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की।

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