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Magh Mela 2026 : जारी हुआ आकर्षक लोगो, सूर्य–चंद्रमा और अक्षयवट की झलक में समाई ज्योतिषीय परंपरा
प्रयागराज : माघ मेला 2026 का आधिकारिक लोगो जारी कर दिया गया है, जो तीर्थराज प्रयाग, संगम की तपस्थली और माघ मास में होने वाले अनुष्ठानों की आध्यात्मिक महत्ता को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाता है। लोगो में सूर्य और चंद्रमा की 14 कलाओं का समावेश ज्योतिषीय गणना में उनकी शुभ स्थितियों को प्रदर्शित करता है, जो माघ मेले के आयोजन का प्रमुख आधार माना जाता है।
ज्योतिषीय आधार पर निर्मित लोगो
भारतीय ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा लगभग 27.3 दिनों में 27 नक्षत्रों की परिक्रमा करता है। जब सूर्य मकर राशि में होता है और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा माघी या अश्लेषा–पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्रों के समीप होता है, तब माघ मास की शुरुआत होती है और इसी अवधि में माघ मेले का विशेष आयोजन किया जाता है।
चंद्रमा की 14 कलाओं को मानव मन, ऊर्जा और आध्यात्मिक साधना से जुड़ा माना गया है। अमावस्या से पूर्णिमा की ओर बढ़ता शुक्ल पक्ष साधना और आध्यात्मिक उन्नति का सर्वश्रेष्ठ समय माना जाता है। माघ स्नान की तिथियां इन्हीं सूक्ष्म चंद्र–गणनाओं पर आधारित होती हैं।
अक्षयवट का दिव्य महत्व
प्रयागराज का पवित्र अक्षयवट, जिसकी जड़ों में भगवान ब्रह्मा, तने में भगवान विष्णु और शाखाओं में भगवान शिव का वास माना जाता है, दर्शन भर से मोक्षदायक माना गया है। इसी कारण कल्पवासियों के लिए इसका स्थान अद्वितीय है।
माघ Mela सदियों से वह पवित्र भूमि रही है जहां ऋषि–मुनि आध्यात्मिक ऊर्जा और साधना के लिए आते रहे हैं। लोगो में दर्शाया गया महात्मा का चित्र इसी सनातन परंपरा का प्रतीक है।
माघ माह को अनुशासन, भक्ति, तपस्या, दान और आध्यात्मिक साधना का महीना कहा गया है—और यह लोगो उसी पवित्र परंपरा की गहन अभिव्यक्ति है।
