Dr. Shaheen Shahid: लखनऊ की रहस्यमयी डॉक्टर, जो बनी जैश-ए-मोहम्मद की महिला कमांडर, पढ़िए पूरी कहानी

नई दिल्ली। दिल्ली धमाके के बाद अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ चर्चा में है। इस बार वजह हैं — डॉ. शाहीन शाहिद। धमाके के बाद यूपी एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लखनऊ के लालबाग स्थित शाहीन शाहिद और उनके भाई डॉ. परवेज के घर पर संयुक्त छापेमारी की। इस कार्रवाई ने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी है।

कौन हैं डॉ. शाहीन शाहिद?

डॉ. शाहीन शाहिद का चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के जरिए हुआ था। वर्ष 2006 में उन्होंने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर के फार्माकोलॉजी विभाग में प्रवक्ता के रूप में कार्यभार संभाला। मेहनती और अनुशासित स्वभाव की वजह से वे विभाग में सम्मानित थीं।

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करियर और रहस्यमय गायब होना

2009 में उनका छह महीने के लिए कन्नौज मेडिकल कॉलेज में तबादला हुआ, जिसके बाद 2010 में वे दोबारा कानपुर लौट आईं। लेकिन 2013 में वे अचानक बिना किसी सूचना के कॉलेज से लापता हो गईं। परिवार और विभाग दोनों हैरान रह गए।

सूत्रों के अनुसार, 2015 में उन्होंने अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ पति से तलाक ले लिया। लगातार नोटिस और पत्राचार के बावजूद उनका कोई जवाब नहीं आया। अंततः 2021 में शासन ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया।

डॉक्टर से आतंकी संगठन तक का सफर

खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया कि कन्नौज में तैनाती के दौरान उनका पश्चिमी उत्तर प्रदेश से संपर्क बढ़ा और वहीं से वे कट्टरपंथ की राह पर चली गईं।

तलाक के बाद शाहीन की मुलाकात डॉ. मुजम्मिल शकील से हुई — जो फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस छात्र था। दोनों के बीच नजदीकी बढ़ी और शाहीन उसी यूनिवर्सिटी से जुड़ गईं।

हरियाणा एसटीएफ ने जब डॉ. मुजम्मिल अहमद को गिरफ्तार किया, तो उसके पास से डॉ. शाहीन शाहिद का नाम सामने आया। उसकी कार से AK-47 राइफल और कई मैगजीन बरामद हुईं। इसके बाद शाहीन को भी हिरासत में लिया गया।

बड़ा खुलासा — जैश की महिला कमांडर

पूछताछ में एजेंसियों को चौंकाने वाली जानकारी मिली — शाहीन शाहिद जैश-ए-मोहम्मद के महिला विंग "जमात-उल-मोमिनात" की इंडिया कमांडर थी। उसे महिलाओं की भर्ती और नेटवर्क फैलाने की जिम्मेदारी दी गई थी।

गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों ने शाहीन और मुजम्मिल के कॉल डिटेल्स, बैंक ट्रांजेक्शन और सोशल मीडिया चैट्स की गहराई से जांच शुरू की। जांच में शाहीन के लखनऊ कनेक्शन का खुलासा हुआ, जिसके बाद पुलिस ने डॉ. परवेज और अन्य संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की।

संक्षेप में टाइमलाइन

  • 2006: UPPSC के जरिए प्रवक्ता पद पर चयन (कानपुर जीएसवीएम कॉलेज)।
  • 2009: कन्नौज मेडिकल कॉलेज में छह महीने का तबादला।
  • 2013: रहस्यमय तरीके से कॉलेज से गायब।
  • 2015: पति से तलाक।
  • 2021: सेवा से बर्खास्तगी।
  • 2023: जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क से जुड़ाव का खुलासा।

अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि शाहीन शाहिद ने आतंकी संगठन से कैसे और कब जुड़ाव बनाया, और लखनऊ में उसका नेटवर्क कितना गहरा है।

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