सनबीम स्कूल में शिक्षकगणों ने की योगासन के विभिन्न मुद्राएं

बलिया। परमात्मा से जुड़ने, शरीर को चुस्त - दुरुस्त व स्वस्थ रखने के निमित्त भारत की प्राचीनतम शैली योग आज विश्व के कोने-कोने में अपनी धाक जमाये हुए है। भारत के प्रयास से ही यह विश्व दिवस का रूप ले चुका है। योग, प्राणायाम, व्यायाम या सैर आदि हेतु यदि आप अपने व्यस्त दिनचर्या से कुछ समय निकालते हैं तो यह स्वस्थ रहने का सबसे सहज व अनमोल साधन है। यह बातें योग दिवस के अवसर पर अगरसंडा स्थित सनबीम स्कूल के निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह ने कहीं। खेल व योग प्रशिक्षक पंकज सिंह के निर्देशन में विद्यालय के समस्त पदाधिकारी व शिक्षकगण योग व प्राणायाम की विभिन्न मुद्राओं को विस्तृत ढंग से किया।

 

विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने लोगों को प्रतिदिन योग करने की सलाह दी। उन्होंने योग के विभिन्न आसन के बारे में भी सविस्तार बताया। बता दें कि पिछले 5 दिनों से स्पीक मैके के अंतर्गत योगासन प्रशिक्षण ऑनलाइन भी चला। जिसमें सनबीम स्कूल की व्यापक भागीदारी रही। विद्यालय की डीन शहरबानो, हेडमिस्ट्रेस नीतू पांडेय व शिक्षक नवचंद्र तिवारी ने भी अपने संबोधन में योग के महत्व को रेखांकित किया।

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विद्यालय में सबसे बड़ी खुशी इस बात की रही कि 17 जून से 21 जून तक चले जिला स्तरीय प्रतियोगिता में विद्यालय के बच्चों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से सम्मान पत्र प्राप्त किया। योग रंगोली और भाषण प्रतियोगिता में अंशु यादव व आराध्या चौहान स्लोगन में अंशिका यादव,अंशु यादव व देवांश योगासन में आनंदया, पुष्पांजलि व निबंध लेखन में प्रतिमा यादव ने उत्कृष्ट स्थान प्राप्त किया। खेल प्रशिक्षक आशीष को भी सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया।इस अवसर पर प्रशासक एस के चतुर्वेदी, समन्वयकगण व समस्त शिक्षक गण मौजूद रहे।

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