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हैदराबाद: 18 साल से दुबई की जेल में बंद मजदूर लौटे भारत, अपनों को देख भावुक हुए सभी ; Video
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हैदराबाद : हैदराबाद के राजीव गांधी एयरपोर्ट पर भावुक कर देने वाला नजारा देखने को मिला। जिसने भी देखा, उसकी आखें नम हो गईं। यहां तक अब सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हो रहा है। दरअसल, बीते 18 सालों से दुबई की जेल में सजा काट रहे दो भाई समेत चार लोग अपने वतन वापस लौट आए हैं। दोनों को 20 फरवरी को रिहा गया था। जिसके बाद वह भारत पहुंचें और सालों बाद परिवारवालों से मिले। एयरपोर्ट पर जैसे ही भाइयों ने परिवार को देखा दोनों फफक-फफक के रोने लगे। ये नजारा देखकर हर कोई इमोश्नल हो गया।
हत्या के एक मामले में दुबई की जेल में 18 साल बिताने के बाद, तेलंगाना के पांच में से चार श्रमिक घर लौट आए हैं। राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भावनात्मक दृश्य देखने को मिला, जब राजन्ना सिरसिला जिले के रहने वाले दो श्रमिकों का उनके परिवार के सदस्यों ने स्वागत किया। शिवरात्रि मल्लेश और उनके भाई शिवरात्रि रवि अपने प्रियजनों को देखकर भावुक हो गए और उन्हें गले लगा लिया। डुंडुगुला लक्ष्मण दो महीने पहले लौटे थे जबकि शिवरात्रि हनमंथु दो दिन पहले वापस आए थे। पांचवें व्यक्ति वेंकटेश के अगले महीने जेल से रिहा होने की संभावना है।
Emotional Scenes witnessed at the RGIA #Hyderabad Airport:
The two men from Rajanna Sircilla dist, #Telangana, who were imprisoned in #Dubai for 18 years, have finally been reunited with their families with the help of former minister and #Sircilla MLA #KTR. pic.twitter.com/sVRAVp1JXd — Surya Reddy (@jsuryareddy) February 21, 2024
दुबई की एक अदालत ने नेपाल के एक चौकीदार बहादुर सिंह की हत्या के आरोप में पांच कर्मचारियों को 25 साल जेल की सजा सुनाई थी। संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने पिछले साल सितंबर में दुबई की यात्रा के दौरान तत्कालीन राज्य मंत्री केटी रामाराव (केटीआर) की अपील के बाद उनकी दया याचिका को मंजूरी दे दी थी। केटीआर ने श्रमिकों की वापसी के लिए उड़ान टिकटों की व्यवस्था की। ये सभी दुबई की आवेर जेल में बंद थे। केटीआर, जो सिरसिला से विधायक हैं, ने 2011 में मृतक के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए व्यक्तिगत रूप से नेपाल का दौरा किया था और शरिया कानून के अनुसार मुआवजे के रूप में 15 लाख रुपये या 'दीय्या' (रक्त धन) सौंपा था।
बाद में पीड़ित परिवार ने दया याचिका के दस्तावेज यूएई सरकार को सौंपे। हालांकि, कुछ कारणों और अपराध की गंभीरता के कारण, यूएई सरकार ने दया याचिका को मंजूरी नहीं दी। केटीआर दुबई में भारतीय महावाणिज्य दूत, मामले को संभाल रहे अरब वकील और अन्य सरकारी अधिकारियों के माध्यम से मामले की स्थिति के बारे में पूछताछ करते रहे। सितंबर 2023 में दुबई की अपनी पिछली यात्रा के दौरान, उन्होंने यूएई सरकार से दया याचिका को मंजूरी देने का अनुरोध किया था, यह देखते हुए कि पांच एनआरआई पहले ही जेल में लंबा समय बिता चुके हैं और उनके पास जेल अधिकारियों से अच्छा आचरण प्रमाण पत्र भी है।
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