समर्थ पोर्टल पर डाटा अपलोड के निर्देशों से शिक्षक नाराज़, आंदोलन की चेतावनी, जानें पूरा मामला

लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों को 15 मई तक समर्थ पोर्टल पर वर्ष 2023 की 30 जून तक की समस्त सूचनाएं अपलोड करनी होंगी। इस संबंध में उच्च शिक्षा अधिकारी लखनऊ ने लखनऊ, अयोध्या, देवीपाटन मंडल और प्रतापगढ़ के सभी संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों को निर्देशित किया है कि शिक्षक निर्धारित तिथि तक पोर्टल पर जानकारी भरें और प्राचार्य स्वयं उसे सत्यापित करें।

इससे पहले 17 अप्रैल को निदेशक, उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश द्वारा सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को पत्र भेजकर यह निर्देश दिए गए थे कि वे यह सुनिश्चित कराएं कि सूचनाएं समय पर पोर्टल पर भर दी जाएं।

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शिक्षक संगठनों ने जताया विरोध

इस आदेश को लेकर शिक्षकों का विरोध शुरू हो गया है। लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षक नेता डॉ. मनोज पांडेय ने कहा कि समर्थ पोर्टल में कई तकनीकी खामियां हैं। इतने कम समय में यह कार्य पूरा करना शिक्षकों के लिए कठिन है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पोर्टल की समस्याएं दूर किए बिना सरकार ने 15 मई तक डाटा भरने का दबाव डाला तो संगठन आंदोलन करेगा।

लुआक्टा के महामंत्री अंशू केडिया ने भी आदेश की आलोचना करते हुए कहा कि यह शिक्षकों पर जबरदस्ती थोपे गए काम का बोझ है, जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।

सरकार पर सवाल, शिक्षक संघ सख्त रुख में

शिक्षक संगठनों का कहना है कि सरकार को पहले पोर्टल की खामियों को ठीक करना चाहिए, तभी कोई कार्य पूरा कराना न्यायसंगत होगा। फिलहाल, सरकार के आदेश और शिक्षक संघों के तेवरों के बीच टकराव की स्थिति बनती नजर आ रही है।

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