लखनऊ : भाजपा की सक्रियता के बीच विपक्ष भी हरकत में, दिग्गज नेताओं की भूमिकाएं बदलने के संकेत

लखनऊ। विधानसभा चुनाव 2027 को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीति को धार देने में जुट गए हैं। भाजपा के आक्रामक संगठनात्मक कदमों के बीच अब विपक्षी दलों ने भी कमर कस ली है। सपा, बसपा और कांग्रेस में जल्द ही बड़े संगठनात्मक बदलाव और जिम्मेदारियों के पुनर्वितरण की संभावना जताई जा रही है।

एक तरफ भाजपा ‘मिशन 2027’ की तैयारियों को तेज कर रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश की सियासत धीरे-धीरे गर्माती नजर आ रही है। यूपी भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन के बाद संगठन में फेरबदल की प्रक्रिया जारी है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश को नया उपमुख्यमंत्री भी मिल सकता है। इस दौड़ में पूर्व सांसद साध्वी निरंजन ज्योति समेत कई वरिष्ठ नेताओं के नाम चर्चा में हैं।

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सूत्रों के मुताबिक संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में समाजवादी पार्टी से बगावत करने वाले नेताओं को भी जगह मिल सकती है। चर्चा है कि दो से तीन सपा बागियों को मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इनमें पूजा पाल और मनोज पांडेय के नाम प्रमुख हैं, जबकि महेंद्र सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

वहीं बहुजन समाज पार्टी में भी संगठन को नई ऊर्जा देने की कवायद तेज हो गई है। पार्टी प्रमुख मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद को आगे बढ़ाकर युवाओं को संगठन से जोड़ने की कोशिश कर रही हैं। इसके साथ ही बसपा ऐसे क्षेत्रीय दलों से गठबंधन की संभावनाएं तलाश रही है, जो न तो एनडीए का हिस्सा हैं और न ही इंडिया ब्लॉक का। छोटे, राज्य आधारित दलों के साथ संपर्क बढ़ाकर दलितों और अन्य समुदायों का व्यापक सामाजिक गठबंधन तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है।

उधर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने में जुटी हैं। दोनों दलों में संगठनात्मक फेरबदल की प्रक्रिया जारी है और आने वाले समय में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। साफ है कि 2027 की जंग से पहले प्रदेश की राजनीति में उठापटक और तेज होने वाली है।

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