सौतेली मां और भाभी को आजीवन कारावास की सजा, जानिए संपत्ति की लालच में कैसे हत्यारिन बनी मां

Deoria News : सौतेली मां, बेटे और भाभी की ओर से किए गए दोहरे हत्याकांड के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने सोमवार को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। घटना के समय रहे थानाध्यक्ष के खिलाफ सख्त टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने एसपी देवरिया को अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए भी कहा है।

क्या है पूरा मामला

गौरी बाजार थाना क्षेत्र के देवतहां गांव के रहने वाले श्रीनिवास प्रसाद दुबई में नौकरी करते थे। उनकी पहली पत्नी कुसुम देवी का बड़ा बेटा जितेंद्र भी दुबई में काम करता था। घर पर श्रीनिवास की दोनों पत्नियां कुसुम देवी और मंशा देवी के अलावा अन्य लोग रहते थे।

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11 मई 2023 की सुबह करीब पांच बजे दूसरी पत्नी मंशा देवी के बड़े बेटे अजय (17 वर्ष) और अभिषेक (15 वर्ष) घर में सो रहे थे। मंशा देवी खेत की तरफ शौच के लिए गई थीं। लौटकर घर आईं तो उनकी आंखों के सामने ही श्रीनिवास की पहली पत्नी कुसुम देवी, उसका छोटा बेटा राजू और बड़े बेटे जितेंद्र की पत्नी (पुत्रवधू) अर्चना ने अजय और अभिषेक की गला काटकर हत्या कर दी। घटना के दौरान शोर सुनकर गांव के लोग जुट गए। गांव वालों ने तीनों आरोपियों को कमरे में बंदकर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंचे तत्कालीन थानाध्यक्ष विपिन मलिक ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मौके से घटना में प्रयुक्त चाकू भी बरामद हुआ था।

संपत्ति के लालच में की थी हत्या

स्थानीय लोगों ने तब बताया था कि पहली पत्नी को लगता था कि उसका पति दूसरी पत्नी को अधिक मानता है। उसको आशंका था कि कहीं प्रॉपर्टी उसके नाम न कर दे। जिसको लेकर घरेलू विवाद होता रहता था। मृतक बच्चों की मां मंशा देवी की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया था।

मामले में अपर शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर तीन में विचारण के दौरान न्यायाधीश ने कुसुम देवी और अर्चना को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। हत्याकांड में शामिल नाबालिग की पत्रावली को अलग कर किशोर न्याय बोर्ड को भेज दिया गया

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