बलिया: श्री हनुमत प्राण प्रतिष्ठात्मक महायज्ञ में श्रीराम कथा का अमृतवर्षा, साध्वी लाडली किशोरी ने कराई भक्तिरस की अनुभूति

बलिया : नगर से सटे मिड्ढा गांव स्थित मां काली मंदिर परिसर में चल रहे श्री हनुमत प्राण प्रतिष्ठात्मक महायज्ञ के अंतर्गत रविवार की रात भक्तों को भक्ति और श्रद्धा से सराबोर कर देने वाली श्रीराम कथा का आयोजन हुआ। कथा वाचन अयोध्या से पधारीं साध्वी लाडली किशोरी जी ने किया, जिन्होंने प्रभु श्रीराम के जीवन प्रसंगों को अत्यंत भावपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया।

कथा की शुरुआत में साध्वी जी ने बताया कि गुरु विश्वामित्र, राक्षसों के आतंक से ऋषियों को मुक्ति दिलाने के लिए राजा दशरथ के दरबार में प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण को मांगने पहुंचे। राजा दशरथ पहले तो संकोच करते हैं और कहते हैं, “मुनिवर, आप हमारे प्राण मांग लीजिए, लेकिन मेरे बालकों को मत ले जाइए।” मगर गुरु विश्वामित्र के आग्रह और वचन का मान रखते हुए अंततः दशरथ को अपने पुत्रों को सौंपना पड़ता है।

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इसके बाद कथा में खर-दूषण और ताड़का वध का प्रसंग आया। गुरु विश्वामित्र के साथ आश्रम पहुंचे श्रीराम और लक्ष्मण राक्षसों के उत्पात से यज्ञों की रक्षा करते हैं। श्रीराम खर-दूषण और ताड़का का वध कर ऋषियों को भयमुक्त करते हैं।

कथा में आगे साध्वी जी ने बताया कि कैसे श्रीराम और लक्ष्मण जनकपुर पहुंचते हैं और नगर भ्रमण के दौरान वहां की युवतियां और नगरवासी उन्हें देखकर मोहित हो जाते हैं। इस संपूर्ण कथा के दौरान श्रद्धालु देर रात तक भक्ति रस में डूबे रहे।

कार्यक्रम के पूर्व वाराणसी से आए विद्वान पंडितों द्वारा मां काली और हनुमान जी की महाआरती कराई गई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। अंत में श्रीराम की आरती के बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरण किया गया। इस आयोजन ने क्षेत्र में आस्था, श्रद्धा और भक्ति का दिव्य वातावरण बना दिया।

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