Ballia News: अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक चेतना पर हुई चर्चा

बलिया। रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को गंगा बहुद्देशीय सभागार में पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधान परिषद सदस्य डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने रानी अहिल्याबाई के जीवन और योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।

रानी अहिल्याबाई: परंपरा, सेवा और शक्ति की मिसाल

डॉ. सिंह ने कहा कि रानी अहिल्याबाई भारतीय संस्कृति की पुनरुत्थान की अग्रदूत थीं। विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने न केवल शासन की बागडोर कुशलता से संभाली, बल्कि गरीबों, असहायों और महिलाओं की सेवा को सर्वोपरि रखा।

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उन्होंने बताया कि अहिल्याबाई ने अपनी 16 करोड़ रुपये की निजी संपत्ति से चार धाम, सात पुरी और 12 ज्योतिर्लिंगों सहित काशी विश्वनाथ और सोमनाथ जैसे प्रमुख मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया।

महिला सशक्तिकरण की प्रेरणा

मुख्य अतिथि ने अहिल्याबाई को महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी लोकसेवा परंपरा और वैदिक चिंतन को आगे बढ़ा रहे हैं।

भाजपा जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा ने कहा कि रानी ने 3175 मंदिरों और 250 पीर स्थलों का पुनर्निर्माण कर धार्मिक समरसता का परिचय दिया। उनके लोककल्याणकारी कार्यों के चलते ही लोग उन्हें ‘लोकमाता पुण्यश्लोक’ कहकर श्रद्धा से स्मरण करते हैं।

प्रशासनिक दृष्टिकोण से प्रेरणा

मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज ने कहा कि आज की कई जनहित योजनाएं अहिल्याबाई होल्कर की दूरदर्शी सोच से प्रेरित हैं। उन्होंने समाज के सबसे कमजोर वर्गों की भलाई के लिए कार्य किया, यही आज की नीति-निर्माण की भी मूल भावना है।

प्रमुख लोग रहे उपस्थित

सम्मेलन में क्षेत्र के अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे, जिनमें सुरेन्द्र सिंह, अमिताभ उपाध्याय, संजीव कुमार डम्पू, विजय बहादुर सिंह, मनोरमा गुप्ता, आलोक शुक्ला, अरुण सिंह बंटू, कृष्णा पाण्डेय, अशोक यादव, सतबीर सिंह, संतोष सिंह, नितेश मिश्रा, नीतू पाण्डेय, जावेद कमर खां, संतोष पाण्डेय, आलोक सिंह, सोनी तिवारी, ज्ञान प्रकाश पाण्डेय, श्वेता राय, उदय पासवान, सुरजीत सिंह परमार, नितेश सिंह, अभिजीत तिवारी और दिब्यांत सिंह प्रमुख रूप से शामिल थे।

इस सम्मेलन ने न केवल रानी अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को सम्मानित किया, बल्कि उपस्थित जनप्रतिनिधियों को लोकसेवा और सांस्कृतिक चेतना के प्रति प्रेरित भी किया।

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