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बलिया बीएसए का सख्त निर्देश : मिड-डे मील में लापरवाही पर बीईओ और प्रधानाध्यापक होंगे जिम्मेदार

बलिया : जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) मनीष कुमार सिंह ने ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल खुलते ही स्वच्छता, सुरक्षा और मिड-डे मील की गुणवत्ता को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर स्पष्ट किया है कि विद्यालयों में मिड-डे मील योजना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता वाली योजना है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
भोजन बनाने में प्रयोग होने वाली सभी सामग्री जैसे आयोडीन युक्त नमक, एगमार्क मसाले, सीलबंद तेल आदि मानक के अनुसार होनी चाहिए। खुले तेल या घी का प्रयोग न किया जाए और मसालों को एयरटाइट कंटेनर में ही रखा जाए। बच्चों को परोसे जाने से पहले भोजन को किसी वयस्क द्वारा चखना अनिवार्य होगा—जैसे कि अध्यापक, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य या अभिभावक।
इसके लिए एक नियमित रोस्टर बनाया जाए और भोजन चखने वाले व्यक्ति का नाम तथा हस्ताक्षर रजिस्टर में दर्ज किया जाए। यदि नामित व्यक्ति अनुपस्थित हो तो किसी अन्य जिम्मेदार व्यक्ति को यह कार्य करना होगा। बच्चों को भोजन से पहले हाथ साबुन से धुलवाना भी अनिवार्य है और उनके बर्तनों की स्वच्छता सुनिश्चित की जाए।
हर दिन का भोजन सैंपल विद्यालय में बंद रहने तक सुरक्षित रखा जाए। विद्यालय में हैंडपंप के आसपास साफ-सफाई और पानी निकासी की व्यवस्था दुरुस्त कराई जाए, जिसके लिए पंचायत/ग्राम्य विकास विभाग से सहयोग लिया जाए। गंदे पानी के निष्पादन के लिए सोख्ता गड्ढे की व्यवस्था कराई जाए, ताकि भूगर्भ जल प्रदूषित न हो। हर तिमाही में कम से कम एक बार पेयजल की गुणवत्ता जांचना भी जरूरी होगा और उसकी रिपोर्ट विद्यालय में सुरक्षित रखी जाए।
खंड स्तर पर गठित टास्क फोर्स द्वारा तय समय पर विद्यालयों का निरीक्षण किया जाए और पाई गई कमियों पर समय रहते कार्रवाई सुनिश्चित हो। साथ ही, बीएसए ने यह भी निर्देश दिया कि हर विद्यालय की प्रमुख दीवार पर जिलाधिकारी, एसएसपी, सीएमओ, बीएसए, बीईओ, स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी और 108 समेत मिड-डे मील शिकायत हेल्पलाइन (18001800666) के नंबर अनिवार्य रूप से पेंट कराए जाएं।
उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि निरीक्षण या शिकायत के दौरान मिड-डे मील मेन्यू और गुणवत्ता में गड़बड़ी पाई जाती है, तो खंड शिक्षा अधिकारी और संबंधित प्रधानाध्यापक को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए उनके विरुद्ध कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।