पुंछ आतंकी हमले में बिहार का लाल चंदन शहीद, शोक में डूबी मां ने कहा- पोता होता तो उसे भी बॉर्डर पर भेजती

Poonch Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार को हथियारों से लैस आतंकवादियों द्वारा सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किये गये हमले में शहीद हुए चार सैनिकों में बिहार के नवादा जिले के रहने वाले चंदन भी शामिल हैं. शहीद राइफलमैन चंदन कुमार (26 वर्ष) वारिसलीगंज थाना क्षेत्र की कुटरी पंचायत के नारोमुरार गांव निवासी मौलेश्वर सिंह के पुत्र थे. उनकी शहादत पर पूरे जिले में शोक और गर्व का माहौल है. चंदन की शहादत की सूचना अधिकारियों ने गुरुवार देर रात डेढ़ बजे उनेके बड़े भाई पीयूष को फोन पर दी गयी थी. चंदन तीन भाइयों में दूसरे स्थान पर थे.

एक साल पहले ही हुई थी शादी

चंदन ने जून 2017 में आर्मी ज्वाइन की थी. एक माह पहले 14 नवंबर को ड्यूटी पर गये थे और होली में आने की बात कही थी. उनकी शादी पिछले साल मई में हुई थी. चंदन ने पत्नी शिल्पी कुमारी से शहीद होने के चार घंटे पहले 11 बजे फोन पर बातचीत की थी. उनका पार्थिव शरीर शनिवार को उनके गांव आयेगा. चंदन के दोस्त बताते हैं कि वह जुझारू किस्म का था और अक्सर कहा करता था कि एक दिन वह बहुत बड़ा नाम करेगा. वास्तविक में सर्वोच्च बलिदान देकर चंदन ने न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है. उनके इस बलिदान को लोग याद कर रहे हैं और जिन्हें भी जानकारी मिल रही है लोग उनके घर जाकर उनके परिजनों से मिलकर सांत्वना दे रहे हैं.

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शहीद होने के चार घंटे पहले पत्नी से हुई थी बात

परिजनों के अनुसार, चंदन ने अपनी पत्नी शिल्पी कुमारी से शहीद होने के चार घंटे पहले करीब 11 बजे मोबाइल फोन पर बातचीत की थी. चंदन की शादी बेगूसराय जिले के शांभो थाना क्षेत्र की एसएस बरारी-टू पंचायत के सरलाही गांव निवासी रिटायर्ड पोस्टमास्टर अनिल सिंह की पुत्री के साथ 20 मई, 2022 को हुई थी. चंदन की शहादत खबर मिलते ही पिता चंद्रमौलेश्वर सिंह, माता जयंती देवी, पत्नी शिल्पी कुमारी, बहन नंदनी कुमारी, भाई पीयूष कुमार व अभिनंदन कुमार के अलावा अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

गांव में किसी के घर नहीं जला चूल्हा

नवादा के नारोमुरार गांव में शुक्रवार को किसी के घर चूल्हा नहीं जला. शहीद के पिता के आंखों के आंसू सूख गये थे. हर आनेजाने वाले लोगों को बस एक टक निहार रहे थे. किसी से कोई बात करने की स्थिति में नहीं थे. शहीद चंदन की पत्नी मायके में है. शहीद के घर कोहराम मचा हुआ है. गांव व आसपास के लोग शहीद के परिजनों को ढ़ाढस बंधाते रहे.

शहीद की मां ने कहा-पोता होता तो उसे भी बॉर्डर पर भेजती

शहीद चंदन की मां जयमंती देवी के आंखों के आंसू भले ही नहीं सूख रहे हों, लेकिन उनके हौसले और जज्बे को लोग सलाम कर रहे थे. बार-बार वह एक ही बात कह रही है यदि चंदन को बेटा और हमारा पोता होता तो उसे भी बॉर्डर पर जरूर भेजती, ताकि वह दुश्मनों से लोहा ले सके. मां की इस मार्मिक बात सुन हर किसी के आंखों में आंसू आ रहे थे, जबकि गर्व से सीना भी फूल रहा है. परिजनों ने बताया कि हेडक्वार्टर से बताया गया है कि शनिवार की सुबह तक शहीद चंदन सिंह का पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा.

एसडीपीओ घर पहुंचकर परिजनों से की मुलाकात

शहीद के परिजन आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं. शहीद चंदन ही परिवार का एकमात्र सहारा था. शहादत की सूचना पर पकरीबरावां एसडीपीओ महेश कुमार चौधरी ने गांव पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की. बताया गया कि शहीद का शव शनिवार को किसी भी समय नारोमुरार गांव पहुंच सकता है.

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