Chhattisgarh News: खरौद के लक्ष्मणेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

कोरबा/जांजगीर-चांपा: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर जिले के खरौद स्थित लक्ष्मणेश्वर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। छत्तीसगढ़ की काशी के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर भगवान राम द्वारा स्थापित स्वयंभू शिवलिंग के लिए जाना जाता है और इसकी ऐतिहासिक व धार्मिक महत्ता अत्यंत गहरी है।

रामायण काल से जुड़ा इतिहास

मान्यता है कि भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण ने खर और दूषण का वध करने के बाद इस स्थान पर महादेव की स्थापना की थी। मंदिर में स्थित शिवलिंग को लक्षलिंग या लखेश्वर भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें एक लाख छोटे-छोटे छिद्र हैं। इसमें एक ऐसा छिद्र भी है, जिसे पाताल से जुड़ा हुआ माना जाता है और कहा जाता है कि इस शिवलिंग में डाला गया जल पाताल में समा जाता है।

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विशेष पूजा और धार्मिक अनुष्ठान

महाशिवरात्रि के मौके पर श्रद्धालु यहां एक लाख सफेद चावल एक कपड़े में भरकर अर्पित करते हैं, जिसे ‘लक्ष्य’ या ‘लाख चावल’ कहा जाता है। यह परंपरा भक्तों की श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक मानी जाती है। इस मंदिर को शारीरिक और मानसिक शांति की प्राप्ति का भी एक महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है।

मंदिर की विशेषताएं

  • एक लाख छिद्रों वाला शिवलिंग, जो इसे अनूठा बनाता है।
  • मंदिर के पास स्थित जलकुंड, जिसे पाताल से जुड़ा हुआ माना जाता है।

शिवरीनारायण से मात्र 3 किमी और रायपुर से 120 किमी की दूरी पर स्थित यह मंदिर, छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।

प्रशासन की विशेष व्यवस्था

महाशिवरात्रि पर विशेष पूजा-अर्चना के आयोजन के साथ ही भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था की गई है। भक्तों को भगवान महादेव के दर्शन का दुर्लभ अवसर प्राप्त हो रहा है और पूरे क्षेत्र में भक्ति और आस्था का माहौल बना हुआ है।

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