सीएम धामी ने यूसीसी पोर्टल पर कराया पहला पंजीकरण, उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के पोर्टल पर अपने विवाह का पहला पंजीकरण कराते हुए इतिहास रच दिया। इस पंजीकरण का प्रमाण पत्र मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री को सौंपा। साथ ही सीएम ने यूसीसी के तहत पहले पंजीकरण कराने वाले पांच अन्य आवेदकों को भी प्रमाण पत्र प्रदान किए।

समान नागरिक संहिता लागू: ऐतिहासिक घोषणा

मुख्यमंत्री ने सोमवार को सीएम आवास में आयोजित समारोह में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने की आधिकारिक घोषणा की। उन्होंने इसे न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक दिन बताया। साथ ही घोषणा की कि हर साल 27 जनवरी को "समान नागरिक संहिता दिवस" के रूप में मनाया जाएगा।

संविधान निर्माता को समर्पित कदम

सीएम ने बताया कि यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति ने 2.35 लाख लोगों से संपर्क किया। उन्होंने इसे संविधान निर्माता डॉ. बी.आर. अंबेडकर और संविधान सभा के सदस्यों को सच्ची श्रद्धांजलि बताया।

समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी का उद्देश्य जाति, धर्म और लिंग के आधार पर कानूनी भेदभाव को समाप्त करना है। इसके जरिए सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए गए हैं। साथ ही महिलाओं को सुरक्षा और सशक्तिकरण सुनिश्चित किया गया है। हलाला, तीन तलाक और इद्दत जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगाई जाएगी।

विशेष प्रावधान और नियमावली

मुख्यमंत्री ने बताया कि अनुसूचित जनजातियों को यूसीसी के दायरे से बाहर रखा गया है ताकि उनकी रीति-रिवाजों का संरक्षण किया जा सके। यूसीसी लागू होने से पहले पंजीकृत विवाह, तलाक या विवाह निरस्तीकरण के मामलों में छह महीने तक कोई पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जाएगा।

धर्म और प्रथाओं का सम्मान

सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि यूसीसी किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है। यह समाज की कुप्रथाओं को समाप्त करने और समानता स्थापित करने का कानूनी प्रयास है। विवाह, विवाह विच्छेद और उत्तराधिकार के नियमों को सभी नागरिकों के लिए समान बनाया गया है, जबकि धर्म के रीति-रिवाजों का पालन जारी रहेगा।

महत्वपूर्ण बदलाव

  • सभी धर्मों में लड़कों की न्यूनतम विवाह आयु 21 वर्ष और लड़कियों की 18 वर्ष निर्धारित की गई।
  • पति या पत्नी के रहते दूसरे विवाह पर प्रतिबंध।
  • बाल अधिकारों का संरक्षण और बेटियों को संपत्ति में समान अधिकार।
  • मृतक की संपत्ति में पत्नी, बच्चे और माता-पिता को समान अधिकार।

मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह कानून समाज में समानता और समरसता स्थापित करेगा।

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