Varanasi News: काशी में श्री रमता पंच दशनाम आवाहन अखाड़े की भव्य पेशवाई, भगवामय हुई सड़कों पर नागा साधुओं का शक्ति प्रदर्शन

वाराणसी। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में मंगलवार को दूसरी बार नागा साधुओं की भव्य पेशवाई निकाली गई। ढोल-नगाड़ों और डमरू की गूंज के बीच यह पेशवाई बेनियाबाग से दशाश्वमेध घाट तक बड़े शान-ओ-शौकत से निकली। काशीवासियों ने पूरे उत्साह के साथ नागा संतों का स्वागत किया, और हर-हर महादेव के जयघोष से संपूर्ण वातावरण गूंज उठा।

भक्ति और शक्ति का संगम

श्री रमता पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के नागा साधुओं की यह पेशवाई कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकाली गई। मार्ग को पहले ही बैरिकेडिंग कर खाली कराया गया था, जिससे पेशवाई में किसी तरह की बाधा न आए। काशीवासियों की भीड़ पूरे मार्ग पर कतारबद्ध खड़ी रही और श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर साधु-संतों का अभिनंदन किया।

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बैंड-बाजे, रथ और ध्वज पताकाओं से सजी इस शोभायात्रा में नागा संत अपने पारंपरिक स्वरूप में दिखे। उन्होंने शरीर पर चिता भस्म लगाकर, अपनी जटाओं को लहराते हुए, त्रिशूल, तलवार, गदा और भाले से अद्भुत करतब दिखाए।

महाकुंभ स्नान के बाद काशी में जुटे संत

प्रयागराज में महाकुंभ स्नान के बाद साधु-संत काशी पहुंचे हैं, जिसके साथ ही विभिन्न अखाड़ों की पेशवाई भी शुरू हो गई है। परंपरा के अनुसार, पेशवाई के माध्यम से संत अपने मुख्य कार्यालय तक पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि पर अखाड़ों द्वारा शाही स्नान किया जाता है, जिसके लिए यह शोभायात्रा निकाली गई।

पेशवाई में अद्भुत नजारा

कबीरचौरा से दशाश्वमेध घाट तक निकली इस पेशवाई में भारी संख्या में साधु-संत, नागा बाबा, भक्तगण और श्रद्धालु शामिल हुए। कुछ साधु बग्घी पर सवार थे, कुछ बाइक पर, तो कुछ पैदल चल रहे थे। मार्ग में सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा गया, जिसमें पुलिसकर्मी भी साथ-साथ चल रहे थे।

गंगा स्नान के साथ पेशवाई का समापन

पेशवाई के समापन पर नागा साधुओं ने दशाश्वमेध घाट पर पहुंचकर पवित्र गंगा में डुबकी लगाई। इस दौरान पूरे माहौल में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ और काशी का हर कोना भगवामय नजर आया।

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