सीएम योगी और धर्मेंद्र प्रधान ने ‘काशी तमिल संगमम 4.0’ का किया शुभारंभ, एल. मुरुगन बोले, हिंदी सीखना मेरा अधिकार

वाराणसी। धार्मिक नगरी काशी में 2 दिसंबर से 15 दिसंबर तक आयोजित होने वाले 'काशी तमिल संगमम् 4.0' का शुभारंभ सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नमो घाट पर किया। इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा कल्याण एवं खेल राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, पुडुचेरी की उपराज्यपाल के. कैलाशनाथन, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक सहित कई केंद्रीय मंत्री, सांसद और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित सभी अतिथियों ने नमो घाट पर लगाई गई प्रदर्शनियों और स्टालों का अवलोकन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री कई स्टालों पर रुके और वहां प्रदर्शित उत्पादों एवं जानकारी के बारे में विस्तार से पूछताछ की। कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को स्मृति चिह्न भेंट कर उनका स्वागत किया। साथ ही, तमिलनाडु के प्राचीन व्याकरण ग्रंथ 'तोल्काप्पियम' का लोकार्पण भी किया गया। 

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काशी और तमिलनाडु के प्राचीन आध्यात्मिक संबंधों के केंद्र में स्वयं शिव : योगी

काशी तमिल संगमम 4.0 का मंगलवार को नमो घाट पर भव्य शुभारंभ करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'वणक्कम काशी' और 'हर हर महादेव' के उद्घोष के साथ तमिलनाडु से आए सभी अतिथियों का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से काशी तमिल संगमम-4.0 का शुभारंभ हो रहा है। तीनों लोकों में अनुपम, मोक्षदायिनी और सर्वविद्या की राजधानी काशी में रामेश्वरम की पावन धरती से पधारे सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत है। 

उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' के संकल्प को सुदृढ़ और जीवंत करने वाला आयोजन है। आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो स्वप्न देखा था, वह अब साकार हो रहा है। काशी और तमिलनाडु के प्राचीन संबंधों के केंद्र में स्वयं भगवान शिव हैं। आदि शंकराचार्य ने चार पीठों की स्थापना कर इस संबंध को और मजबूत किया। 

योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आप सभी को काशी की शिव भक्ति, प्रयागराज के पवित्र संगम तीर्थ और अयोध्या में प्रभु श्रीराम के दर्शन का अद्भुत सौभाग्य प्राप्त होगा। यह आयोजन उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक नए द्वार खोल रहा है। 

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इस बार 'आओ तमिल सीखें' थीं के माध्यम से प्रधानमंत्री के 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' के स्वप्न को और मजबूती मिलेगी। काशी तमिल संगमम का एक महत्वपूर्ण आकर्षण 'तेन काशी से काशी तक' कार रैली है, जो लगभग दो हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी कर यहां पहुंचेगी। यह आयोजन ज्ञान, साधना, सभ्यता और सांस्कृतिक एकता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। 

मैं हिंदी सीखूंगा, यह मेरा अधिकार है : एल मुरुगन 

केंद्रीय सूचना और प्रसारण और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने मंगलवार को कहा कि तमिलनाडु में राजनीति के कारण, वह हिंदी नहीं सीख पाए, और जो भी हिंदी उन्होंने सीखी, वह दिल्ली आने के बाद सीखी। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी सीखना उनका अधिकार है।

काशी तमिल संगमम 4.0 के उद्घाटन समारोह में मुरुगन ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में (केंद्रीय शिक्षा मंत्री) धर्मेंद्र प्रधान जी नई शिक्षा नीति लाए। लेकिन, हमारे तमिलनाडु में राजनीति के कारण, मैं हिंदी नहीं सीख पाया। मैंने जो भी हिंदी सीखी, वह दिल्ली आने के बाद सीखी। मेरी हिंदी टूटी-फूटी है, और अगर कोई गलती हो तो कृपया मुझे माफ़ करें।”

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि वह इस मंच से राजनीति के बारे में नहीं बोलेंगे। मुरुगन ने कहा, “लेकिन, मुझे हिंदी सीखने का मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है? मैं हिंदी सीखूंगा, यह मेरा अधिकार है। लेकिन, वहां कोई मौके नहीं हैं (जाहिर तौर पर तमिलनाडु का जिक्र करते हुए)।” नई शिक्षा नीति में सुझाया गया तीन-भाषा का फ़ॉर्मूला विवादों में रहा है, क्योंकि तमिलनाडु ने केंद्र पर हिंदी थोपने का आरोप लगाते हुए इसे लागू करने से मना कर दिया है। केंद्र ने हालांकि, तमिलनाडु के आरोप को गलत बताया है।

मंगलवार को शुरू हुआ काशी-तमिल संगमम (केटीएस 4.0) का चौथा संस्करण एक प्रमुख सांस्कृतिक और शैक्षणिक समागम है। इसे उत्तर प्रदेश सरकार के साथ-साथ रेल, संस्कृति, पर्यटन, वस्त्र और युवा मामले एवं खेल सहित दस केंद्रीय मंत्रालयों की भागीदारी से शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस संस्करण के लिए आईआईटी मद्रास और बीएचयू नॉलेज पार्टनर के रूप में काम कर रहे हैं।

काशी-तमिल संगमम का 2025 संस्करण “तमिल कऱ्कलम विषय पर केंद्रित होगा, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में तमिल भाषा सीखने को बढ़ावा देना और देश की शास्त्रीय भाषाई तथा साहित्यिक विरासत के प्रति सराहना को गहरा करना है। तमिलनाडु से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि, जिनमें छात्र, शिक्षक, लेखक और मीडिया पेशेवर, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से जुड़े लोग, पेशेवर और कारीगर, महिलाएं, तथा आध्यात्मिक विद्वान आदि शामिल हैं, वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या में आठ दिवसीय एक दौरे में भाग लेंगे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज काशी-तमिल संगमम (केटीएस 4.0) के चौथे संस्करण का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। यह आयोजन काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराने संबंधों के एक नए उत्सव का प्रतीक है, जो गहन शिक्षा, तीर्थयात्रा, और कलात्मक तथा अकादमिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।

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