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Prayagraj News: प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज महाकुंभ को बताया युग परिवर्तन की आहट

प्रयागराज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाशिवरात्रि के साथ संपन्न हुए महाकुंभ पर्व की दिव्यता और भव्यता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए इसे "युग परिवर्तन की आहट" बताया। उन्होंने गुरुवार को महाकुंभ के महत्व को लेकर अपने विचार लेखबद्ध किए और इसे "राष्ट्र चेतना को जागृत करने वाला सनातन पर्व" कहा।
महाकुंभ: एकता का महायज्ञ
"महाकुंभ संपन्न हुआ… एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। जब कोई राष्ट्र अपनी चेतना को जागृत करता है, जब वह सदियों की गुलामी की मानसिकता को तोड़कर नवचैतन्य के साथ आगे बढ़ता है, तो वैसा ही दृश्य उत्पन्न होता है, जैसा हमने प्रयागराज में देखा।"
उन्होंने याद दिलाया कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्रीराम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान उन्होंने "देवभक्ति से देशभक्ति" की बात कही थी। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में संत-महात्मा, बाल-वृद्ध, महिलाएं और युवा सभी जुटे, जिससे देश की "जागृत चेतना" का साक्षात्कार हुआ।
महाकुंभ: प्रबंधन और नीतिशास्त्र का अनूठा उदाहरण
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में हुए महाकुंभ का यह आयोजन ‘मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स’, ‘प्लानिंग’ और ‘पॉलिसी एक्सपर्ट्स’ के लिए अध्ययन का विषय बन गया है। उन्होंने कहा,
"आज पूरे विश्व में इस तरह के विराट आयोजन की कोई दूसरी तुलना नहीं है। पूरी दुनिया हैरान है कि कैसे त्रिवेणी संगम के तट पर करोड़ों लोग जुटे। न उन्हें औपचारिक निमंत्रण मिला था, न समय की कोई पूर्व सूचना थी। बस, लोग महाकुंभ की ओर चल पड़े और संगम में आस्था की डुबकी लगाकर धन्य हो गए।"
जनता से मांगी क्षमा
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ के सफल आयोजन की सराहना की, लेकिन कुछ व्यवस्थाओं में आई कमियों के लिए जनता से माफी भी मांगी। उन्होंने लिखा,
"मैं जानता हूं कि इतना विशाल आयोजन आसान नहीं था। यदि हमारी आराधना में कोई कमी रह गई हो तो मैं मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती से क्षमा प्रार्थना करता हूं।"
प्रधानमंत्री के इस भावनात्मक संबोधन ने महाकुंभ के महत्व और इसकी विशालता को वैश्विक स्तर पर रेखांकित कर दिया।