योगी कैबिनेट बैठक शुरू, आउटसोर्स सेवा निगम समेत कई बड़े फैसलों पर लग सकती है मुहर

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में कैबिनेट बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में प्रदेश के विकास और सरकारी विभागों में व्यवस्था सुधार से जुड़े कई अहम प्रस्तावों पर फैसला लिया जा सकता है। सबसे अहम एजेंडा आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को लेकर है, जिस पर कैबिनेट से मंजूरी मिलने की संभावना है।

सरकार कंपनी एक्ट-2013 की धारा 8 के तहत एक गैर-लाभकारी निगम के गठन की दिशा में आगे बढ़ रही है। इस निगम के लिए सीमा नियम (मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन) और अंतर्नियम (आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन) को कैबिनेट से हरी झंडी मिल सकती है।

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आउटसोर्स कार्मिकों के शोषण पर लगेगा ब्रेक

विधानसभा सत्र से ठीक पहले योगी सरकार ने सरकारी विभागों व संस्थाओं में संविदा, मानदेय और आउटसोर्सिंग के जरिए काम करने वाले कर्मचारियों के शोषण, वेतन कटौती, ईपीएफ-ईएसआई में गड़बड़ी और नवीनीकरण में धन वसूली जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए एक सरकारी आउटसोर्स सेवा निगम बनाने का फैसला किया था। अब इस फैसले को अमलीजामा पहनाने की बारी है।

ऐसा होगा निगम का ढांचा

निगम के संचालन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय निदेशक मंडल का गठन होगा। एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रबंध निदेशक होंगे। तीन अन्य अधिशासी निदेशक डेपुटेशन पर नियुक्त किए जाएंगे। इसके अलावा सचिवालय प्रशासन, वित्त, कार्मिक, न्याय और श्रम विभाग के एसीएस या प्रमुख सचिव निदेशक मंडल में शामिल होंगे। 11 लाख संविदा कर्मियों की नई तैनाती होगी पहली चुनौती

प्रदेश में इस समय लगभग 11 लाख संविदा कर्मचारी विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं। अब इन सभी की नियुक्तियां नए नियमानुसार आउटसोर्स सेवा निगम के माध्यम से की जाएंगी।

सभी को प्लेसमेंट इंफार्मेशन लेटर (एलआईपी) और आईडी कार्ड जारी किया जाएगा। चयन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और संबंधित विभागों की स्वीकृति से पद सृजन की प्रक्रिया शुरू होगी। कर्मचारियों को 60 वर्ष की उम्र तक कार्य करने का अवसर मिलेगा।

मानदेय, ईएसआई, पीएफ, पेंशन की व्यवस्था सुनिश्चित

कैबिनेट की मंजूरी के बाद निगम के जरिए काम करने वाले कार्मिकों को तय मानदेय, ईएसआई, पीएफ, अवकाश, दुर्घटना बीमा और मृत्यु/पेंशन से जुड़ी सुविधाएं दी जाएंगी।

मुख्यालय और भर्तियां

निगम के संचालन के लिए मुख्यालय में 72 पदों की भर्ती का प्रस्ताव तैयार है।निदेशक मंडल ही मुख्यालय की स्थापना, रणनीति, बजट और वेतन नीति पर अंतिम निर्णय लेगा। कैबिनेट की बैठक में इन प्रस्तावों के साथ प्रदेश की विकास योजनाओं और प्रशासनिक बदलावों से जुड़े अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।

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