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Fatehpur News: जर्जर मार्ग व इलाज में कोताही… जच्चा-बच्चा की मौत, ब्लीडिंग बंद न होने पर किया था जिला अस्पताल रेफर
फतेहपुर में जर्जर मार्ग व इलाज में कोताही से जच्चा-बच्चा की मौत।

फतेहपुर में जर्जर मार्ग व इलाज में कोताही से जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। घटना से परिजनों में कोहराम मच गया।
फतेहपुर, बलिया तक। राज्य मार्ग का दर्जा प्राप्त गाजीपुर-विजयीपुर मार्ग के जर्जर होने से हुए विलंब व पीएचसी में इलाज न मिल पाने से गर्भवती महिला की हालत गंभीर हो गई और अस्पताल पहुंचते-पहुंचते जच्चा बच्चा दोनों की मौत हो गई। मौतों से परिजनों में कोहराम मचा रहा। इससे पूर्व 21 सितंबर को जच्चा बच्चा की मौत इन्हीं दोनों वजहों से हो चुकी है। इसके बाद न तो सेहत महकमा और न ही प्रशासन व जनप्रतिनिधि की नींद टूटी।
इसके बाद भोरपहर उसकी डिलीवरी हुई। महिला ने बच्चे को जन्म दिया। उसका यह पहला बच्चा था, लेकिन अस्पताल में आक्सीजन व डाक्टरों के अभाव में कुछ समय बाद बच्चे की मौत हो गयी। प्रसव के दौरान छोटा ऑपरेशन होने की वजह से प्रसूता की ब्लीडिंग न बंद होने पर जिला अस्पताल के लिए रिफर किया। परिजनों ने एंबुलेंस न मिलने पर प्राइवेट वाहन से शहर के लोधीगंज स्थित एक निजी अस्पताल में दिखाया। यहां हालत गंभीर देखकर डॉक्टर ने भर्ती करने से मना कर दिया। वह दूसरे अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मृतका के पिता ने बताया कि गाजीपुर असोथर मार्ग जर्जर होने की वजह घर से असोथर अस्पताल लाने में बहुत ज्यादा हालत बिगड़ गयी थी। इसकी वजह से बेटी की मौत हो गई। वहीं मृतका के पति रोहित लोधी ने बताया कि पीएचसी में डॉक्टर होते तो शायद इलाज संभव हो पाता। डॉक्टरों के न मौजूदगी और जर्जर सड़क की वजह से पत्नी की प्रसव बाद मौत हो गई।
बता दें कि ऐसी ही घटना दस दिन पूर्व भी हो चुकी है। असोथर जरौली मार्ग जर्जर होने की वजह से 21 सितंबर को देवेश मिश्रा निवासी जरौली की पत्नी बीना मिश्रा की प्रसव पीड़ा अधिक होने की वजह से जरौली से असोथर पीएचसी अस्पताल लाने में बहुत ज्यादा हालत गंभीर हो गयी थी। इसके बाद जच्चा-बच्चा की मौत हो गई थी।