Bareilly News: छात्रा को पीरियड आने पर टीचर ने सेनेटरी पैड देने की बजाय क्लास से बाहर निकाला, परिजनों ने की शिकायत

बरेली: बरेली के एक इंटर कॉलेज में शर्मनाक घटना सामने आई है। क्लास 12वीं की एक छात्रा को अचानक पीरियड आने पर जब उसने टीचर से सेनेटरी पैड मांगा, तो महिला टीचर ने मदद करने के बजाय उसे क्लास से बाहर खड़ा कर दिया। यह घटना रिक्की सिंह कॉलेज की है, जहां पीड़ित छात्रा करीब एक घंटे तक क्लास के बाहर खड़ी रही। ब्लीडिंग ज्यादा होने और शर्मिंदगी महसूस करने के बाद छात्रा घर चली गई।

छात्रा ने बताया कि शनिवार को क्लास के दौरान उसे अचानक पीरियड आ गया। उसने मदद के लिए क्लास में पढ़ा रही टीचर से सेनेटरी पैड मांगा। लेकिन टीचर ने न केवल उसे पैड देने से मना कर दिया, बल्कि उसे क्लास से बाहर खड़े होने को कह दिया।

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छात्रा के अनुसार, वह करीब एक घंटे तक क्लास के बाहर खड़ी रही, लेकिन टीचर ने दोबारा उसकी सुध तक नहीं ली। इस दौरान अन्य छात्र-छात्राएं आते-जाते हुए उसे देख रहे थे, जिससे वह बेहद शर्मिंदा महसूस कर रही थी। ब्लीडिंग ज्यादा होने और ड्रेस खराब हो जाने के कारण वह रोते हुए अपने घर चली गई।

परिजनों का आक्रोश

घर पहुंचकर छात्रा ने अपने परिजनों को पूरी घटना बताई। इसके बाद उसके पिता ने कॉलेज प्रशासन और आरोपी टीचर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। परिजनों का कहना है कि उनकी बेटी को मानसिक और भावनात्मक रूप से गहरी चोट पहुंची है, इसलिए दोषी टीचर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

कॉलेज प्रशासन का बयान

कॉलेज की प्रिंसिपल रचना अरोड़ा ने बताया कि यह घटना छुट्टी के समय की है और जब उन्हें इसकी जानकारी मिली, तब तक छात्रा घर जा चुकी थी। उन्होंने कहा कि महिला कॉलेज होने के नाते टीचर्स के पास सेनेटरी पैड रखने की व्यवस्था है। इस मामले में टीचर ने पैड देने से क्यों मना किया, इसकी जांच की जा रही है।

जांच जारी

जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) देवकी नंदन ने बताया कि इस घटना की शिकायत मिली है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। दोषी पाए जाने पर आरोपी टीचर और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

छात्रा की आपबीती

छात्रा ने आरोप लगाया कि टीचर ने पैड मांगने पर व्यंग्य करते हुए कहा, "मैं क्या पैड लेकर घूमती हूं, जो तुम्हें लाकर दूं?" यह सुनकर वह बेहद आहत हुई। परिजनों का कहना है कि उनकी बेटी को मानसिक तनाव झेलना पड़ा है, जो टीचर की लापरवाही और असंवेदनशीलता को दर्शाता है।

यह घटना न केवल शर्मनाक है, बल्कि महिला सशक्तिकरण और जागरूकता के प्रति एक गंभीर सवाल खड़ा करती है। प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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