पश्चिम बंगाल : राज्यपाल की अगुवाई में ब्रिगेड परेड ग्राउंड पर लाखों लोगों ने किया सामूहिक गीता पाठ

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के नेतृत्व में कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में रविवार को आयोजित विशाल गीता पाठ कार्यक्रम में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री, पद्म भूषण प्राप्त साध्वी ऋतंभरा, बंगाल बीजेपी के आला नेता शुभेंदु अधिकारी, सुकांत मजूमदार, दिलीप घोष के साथ-साथ देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु शामिल हुए।

संघ से संबद्ध सनातन संस्कृति संसद द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य भगवद् गीता के सामूहिक पाठ के लिए पांच लाख प्रतिभागियों को एकत्रित करना था। राज्यपाल आज दोपहर करीब 12:15 बजे पहुंचे, मुख्य मंच पर गए और उन्होंने गीता के संस्कृत श्लोकों का पाठ किया। बाद में उन्होंने सभा को संबोधित किया और वरिष्ठ साधुओं के साथ मंच साझा किया, जिनमें स्वामी समारोह की अध्यक्षता करने वाले ज्ञानानंद तथा कार्यक्रम के मुख्य आयोजक बेलडांगा रामकृष्ण मिशन के प्रदीप्तानंद (कार्तिक महाराज) भी शामिल थे। 

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कार्यक्रम सुबह लगभग 10:30 बजे वैदिक पाठ और आरती के साथ शुरू हुआ, जिसके बाद गीता के चुनिंदा अध्यायों का पाठ हुआ जिसमें पहला, नौवां और अठारहवां अध्याय शामिल है। भक्तगण सुबह से ही पहुंचने लगे थे, जिनमें से कई बंगाल के विभिन्न जिलों के साथ-साथ नेपाल, बंगलादेश और भारत के अन्य हिस्सों से भी आए थे।सियालदह, हावड़ा और आसपास के इलाकों में भीड़ स्पष्ट दिखाई दे रही थी जहां तीर्थयात्रियों के समूह गीता की प्रतियाँ बाँटते और लोगों से सभा में शामिल होने का आग्रह करते देखे गए। कार्यक्रम स्थल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण सुरक्षा अधिकारियों को भीड़ को नियंत्रित करने में काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी। 

मुख्य मंच पर राज्यपाल सहित विशिष्ट व्यक्तियों के संबोधन के दौरान भी कई बार व्यवधान उत्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में राजनीतिक दलों के नेता भी मौजूद थे जिसमें विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, केन्द्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, राहुल सिन्हा और तथागत रॉय सहित वरिष्ठ भाजपा नेता शामिल थे। सनातन संस्कृति संसद ने इस आयोजन को एक आध्यात्मिक समागम के रूप में प्रस्तुत किया। 

हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2026 के विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले होने वाले ऐसे कार्यक्रम भाजपा की चुनावी संभावनाओं को तब तक मज़बूत नहीं कर पाएंगे जब तक कि पार्टी ज़मीनी स्तर पर अपने अभियान को मज़बूत नहीं करती। व्यवधान उत्पन्न होने के बावजूद, इस आयोजन में धार्मिक हस्तियों, राजनीतिक नेताओं और संवैधानिक प्राधिकारियों जमावड़ा देखने को मिला, जो राज्य की राजधानी में धार्मिक लामबंदी का एक जोरदार प्रदर्शन था।  

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