काम ऐसा करो कि देश के नागरिकों की जिंदगी आसान हो: डॉ.प्रीति अदाणी

  • डॉ. अदाणी का विद्यार्थीओ को सन्देश : भारतीय सभ्यता की विरासत को करियर में जिम्मेदारी से अपनाएँ
  • अदाणी यूनिवर्सिटी नया ग्लोबल कैंपस बनाने की घोषणा
  • क्वालकॉम इंडिया के प्रेसिडेंट सावी एस सोइन : अदाणी यूनिवर्सिटी स्टूडेंट को बदलते भारत नेतृत्व करने की क्षमता देता है

अदाणी यूनिवर्सिटी के दूसरे दीक्षांत समारोह में चैयरपर्सन डॉ. प्रीति अदाणी ने विद्यार्थीओ को सम्बोधित करते हुए बताया की यह सिर्फ डिग्री लेने का अवसर नहीं बल्कि उन सपनों की दिशा तय करने का क्षण हे जिनके सहारे ये युवा देश के विकास में अपनी जगह बनाने जा रहे हैं। इस मौके पर यूनिवर्सिटी की चैयरपर्सन डॉ. प्रीति अदाणी ने एक नया गलोबल अदाणी यूनिवर्सिटी कैंपस बनाने की घोषणा की। 

अहमदाबाद के शांतिग्राम में हुए इस समारोह की अध्यक्षता अदाणी यूनिवर्सिटी की चैयरपर्सन डॉ. प्रीति अदाणी ने की और मुख्य अतिथि के रूप में क्वालकॉम इंडिया के प्रेसिडेंट सावी एस सोइन उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम जल्द ही एक ऐसी कहानी में बदल गया जहाँ शिक्षा, महत्वाकांक्षा और भारत के भविष्य की बड़ी तस्वीर एक साथ घुल-मिल गईं। दीक्षांत समारोह का सभागार चमकीली रोशनी, गाउन में बैठे छात्रों और उनके गर्वित परिवारों से भरा हुआ था। यह सिर्फ डिग्री लेने का अवसर नहीं था बल्कि उन सपनों की दिशा तय करने का क्षण था जिनके सहारे ये युवा देश के विकास में अपनी जगह बनाने जा रहे हैं। 

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इस समारोह में 87 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं। इनमें 79 छात्र एमबीए (इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट) और 8 छात्र एम-टेक (कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट) के थे जबकि तीन छात्रों को यूनिवर्सिटी मेडल से सम्मानित किया गया। 

मंच से डॉ. प्रीति अदाणी ने स्पष्ट किया कि भारत में विकास की यात्रा एक नए मोड़ पर है जहाँ निर्माण का पैमाना तो बड़ा है लेकिन निर्माण का उद्देश्य उससे भी बड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा, “कनेक्टिविटी और सुविधा से आगे एक बड़ी ज़िम्मेदारी है ऐसी व्यवस्था बनाना जहाँ लोगों की सेहत, सुरक्षा और अवसर बेहतर हों। प्रगति को अब सिर्फ स्पीड या स्केल से नहीं, बल्कि इससे मापा जाएगा कि नागरिक कितनी अच्छी ज़िंदगी जी रहे हैं।” उनके शब्दों ने इस समारोह को एक साधारण शैक्षणिक आयोजन से ज्यादा एक वैचारिक संवाद जैसा बना दिया। डॉ. अदाणी ने भारतीय सभ्यता की गहराई और उसके भविष्य-सृजन की क्षमता की भी याद दिलाई। 

उन्होंने छात्रों से कहा, “आप ऐसी सभ्यता के उत्तराधिकारी हैं जिसने गहराई से सोचा, साहस के साथ बनाया और नैतिकता के साथ नेतृत्व किया। इस विरासत को अपने करियर में जिम्मेदारी की तरह ले जाएं।” छात्रों के चेहरों पर इस बात का असर साफ दिख रहा था, इस एक पंक्ति ने जैसे उन्हें याद दिला दिया कि आने वाले वर्षों में वे सिर्फ नौकरी नहीं करेंगे, बल्कि एक देश को नया आकार देने में अहम भूमिका निभाएंगे। 

मुख्य अतिथि सावी एस. सोइन ने भी इस विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए तकनीक की दुनिया में भारत की तेज़ रफ्तार का चित्र खींचा। उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे भारत सेमीकंडक्टर्स, एआई, मोबिलिटी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है, उद्योग और शिक्षा का पार्टनरशिप मॉडल पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो रहा है। अदाणी यूनिवर्सिटी का मल्टीडिसिप्लिनरी मॉडल स्टूडेंट को सिर्फ बदलते भारत का हिस्सा नहीं बनाता उन्हें इसका नेतृत्व करने की क्षमता देता है।” 

समारोह का अंत ग्रुप फोटो की क्लिक के साथ हुआ लेकिन उस तस्वीर में सिर्फ मुस्कुराहटें नहीं थीं वह भारत के अगले दशक की संभावनाओं से भरी एक पीढ़ी का चित्र था। 2022 में स्थापित अदाणी यूनिवर्सिटी आज भविष्य के लिहाज से शिक्षा, रिसर्च और इंडस्ट्री के स्टैडर्ड को सीखने का केंद्र बन रही है।

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