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अपनी प्रस्तुतियों से पूरी महफिल पर छा जाते थे पं. काशी प्रसाद मिश्र
बलिया। रामपुर स्थित पं. केपी मिश्र मेमोरियल संगीत विद्यालय के प्रांगण में स्मृतिशेष संगीतज्ञ पंडित काशी प्रसाद मिश्र की 33वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि राजेंद्र त्रिपाठी (सहायक स्टांप आयुक्त, बलिया) ने दीप प्रज्ज्वलन कर पं. मिश्र के चित्र पर माल्यार्पण किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. भोला प्रसाद आग्नेय ने कहा कि पं. मिश्र केवल श्रेष्ठ संगीतज्ञ ही नहीं, बल्कि कुशल शिक्षक भी थे। उनके आगमन से पूर्व बलिया में संगीत की परंपरा शिथिल थी, किंतु उन्होंने नई ज्योति प्रज्ज्वलित कर समाज को आलोकित किया। उनके सुपुत्र और पौत्र आज भी उसी संगीत परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।
गोष्ठी को नया आयाम देते हुए शिवजी पांडे ‘रसराज’ ने “दुआर बैठल खोखत खाकत, नींद उदावत” की प्रभावशाली प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की वंदना “मेरे कंठ बसो महारानी” से हुआ। विशिष्ट अतिथियों में हरेंद्र मिश्र, करुणा निधि तिवारी, गोपाल जी गुप्त और राकेश कुमार गुप्त ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
कार्यक्रम में विष्णु दत्त पांडे, सुधांशु पांडे, स्तुति, शिवानी, श्रुति, मोहन जी, अनामिका सिंह, आदित्य, नंदिनी, पार्थ, आरती, प्रगति, रुद्र, शौर्य, जयप्रकाश, राहुल, नीरज, दिव्यांश, प्रिंस, शाश्वत, शताक्ष, शंभूनाथ सिंह, नलिन कुमार पांडे, अभिषेक सोनी, नरेंद्र पांडे, कीर्ति मिश्रा, रजत शुक्ला और रश्मि ने अपनी प्रस्तुतियों से समां बांधा। आकाश मिश्रा ने सोलो तबला वादन से श्रद्धांजलि अर्पित की। पत्रकारों की ओर से दुर्गा देवी, राजेश महाजन और शांति देवी ने शब्द-सुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर डॉ. भोला प्रसाद आग्नेय, राजेंद्र त्रिपाठी, शिवजी पांडे रसराज, करुणा निधि तिवारी, हरेंद्र मिश्र, शंभूनाथ सिंह और मोहन जी सत्यांश को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। अंत में पंडित राजकुमार मिश्र ने सभी आगंतुकों और सहभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
