संकल्प रंगोत्सव ने जीत लिया बलिया का दिल, रंगमंच और संगीत का रहा यादगार संगम

बलिया। तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य समारोह संकल्प रंगोत्सव का समापन भव्य प्रस्तुतियों के साथ हुआ। 26 से 28 दिसंबर तक चले इस सांस्कृतिक उत्सव में बलिया के दर्शकों को राष्ट्रीय स्तर के नाटकों के साथ रंग-विमर्श, रंग-संगीत, लोक गीत, ग़ज़ल गायन और लोक नृत्य का भरपूर आनंद मिला। कार्यक्रम स्थल पर लगी कला प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र रही।

संकल्प साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था के 20वें स्थापना वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह के अंतिम दिन की शुरुआत सुप्रसिद्ध ग़ज़ल गायक मंजय सिंह की सधी हुई गायकी से हुई, जिसे श्रोताओं ने देर तक सराहा। इसके बाद बलिया की उन चार विभूतियों को संकल्प सम्मान से सम्मानित किया गया, जिन्होंने राष्ट्रीय फलक पर जनपद का नाम रोशन किया—रंगमंच के लिए डॉ. योगेन्द्र चौबे, कला के लिए डॉ. इफ्तेखार खान, कथा साहित्य के लिए उपासना जी और उपन्यास लेखन के लिए अतुल राय। सभी को प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह, पुस्तक और अंगवस्त्र भेंट किए गए।

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कार्यक्रम के तीसरे चरण में हबीब तनवीर की रचना पर आधारित और आशीष त्रिवेदी के निर्देशन में नाटक ‘चरणदास चोर’ का मंचन हुआ। गुरु को दिए वचन की रक्षा के लिए प्राण त्याग देने वाले चोर की कथा ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। नाटक के समापन पर तालियों की गूंज से सभागार भर उठा।

मुख्य भूमिकाओं में राहुल चौरसिया (चरणदास चोर) और ट्विंकल गुप्ता (रानी) ने प्रभावी अभिनय किया। सह कलाकारों में तुषार पाण्डेय, अभिमन्यु यादव, जेपी पाण्डेय, रितिक गुप्ता, यश, प्रीतम वर्मा, प्रियांशु चतुर्वेदी, रिया वर्मा सहित अन्य कलाकारों ने भी यादगार प्रस्तुति दी। संगीत शिवम कृष्ण और प्रकाश व्यवस्था निखिल कुमार की रही। प्रस्तुति के बाद समाजसेवी धर्मेंद्र सिंह ने कलाकारों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।

समारोह के समापन पर कार्यक्रम को सफल बनाने वाले सभी सहयोगियों को भी सम्मानित किया गया। संकल्प की अध्यक्ष श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सांस्कृतिक उत्सव बलिया के लोगों के सहयोग से ही संभव हो सका। संकल्प के सचिव आशीष त्रिवेदी ने अतिथियों का स्वागत किया, जबकि संचालन अचिंत्य त्रिपाठी ने किया।

कार्यक्रम की सफलता में डॉ. कुंवर अरुण सिंह गामा, राकेश श्रीवास्तव, डॉ. अखिलेश सिन्हा, सुभाष चन्द्र श्रीवास्तव, उमेश सिंह, सागर शेखर, उपेन्द्र सिंह सहित अनेक गणमान्यजनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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