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Ballia News: जेएनसीयू के कुलपति नवांकुर चित्रकारों की कलाकृतियां देखकर मंत्रमुग्ध हो गए

बलिया: राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश, लखनऊ के तत्वावधान में श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज सभागार में आयोजित चित्रकला प्रदर्शनी के अंतिम दिन जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता मंत्रमुग्ध हो गये।
- पेंटिंग प्रदर्शनी
- राज्य ललित कला अकादमी के बैनर तले आयोजित कार्यशाला सम्पन्न
- प्रदर्शनी के आखिरी दिन बच्चों का हुनर देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी।
बलिया: राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश, लखनऊ के तत्वावधान में श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज सभागार में आयोजित चित्रकला प्रदर्शनी के अंतिम दिन जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता मंत्रमुग्ध हो गये।
निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है, जिसे बचाने की आज बेहद जरूरत है। उन्होंने बच्चों की एक-एक पेंटिंग को ध्यान से देखा और बच्चों से सवाल पूछते हुए उनका जवाब भी देते रहे। कुलपति प्रो. गुप्ता ने बच्चों से कहा। उन्होंने शिक्षक को दो प्रेरक कहानियाँ भी सुनाईं। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस कार्यशाला में बच्चे कला की बारीकियों से परिचित हुए और अपनी कलाकृतियों को जीवंत बनाने में सफल रहे. इन सभी कलाकारों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए हमने राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश लखनऊ और कार्यशाला के समन्वयक डॉ. इफ्तिखार खान को धन्यवाद दिया, जिन्होंने मुझे यह सुखद अवसर दिया। समारोह की अध्यक्षता विद्यालय के प्रबंधक अमर कुमार ने की. ललित कला में बच्चों के करियर पर जोर देते हुए उन्होंने बलिया में कला के प्रति डॉ. खान के समर्पण और योगदान की सराहना की।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ.अखिलेश कुमार सिन्हा ने कहा कि हमारे विद्यालय में गर्मी की छुट्टियों के दौरान इस प्रकार की कार्यशाला में बच्चों के करियर निर्माण में जो भी योगदान होगा, यह पीपीएन जीआईसी कानपुर की प्राचार्या शशि बाला सिंह ने बताया. ग्रीष्म अवकाश कार्यशाला को अनोखा उपहार बताते हुए बच्चों ने कलाकृतियों के माध्यम से प्रकृति को बचाने के संदेश की सराहना की। ग्रीष्मकालीन चित्रकला प्रशिक्षण कार्यशाला के समन्वयक डॉ. इफ्तेखार खान ने बताया कि 20 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में बनाये गये चित्रों की चार दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 400 कलाकृतियों का चयन कर प्रदर्शित किया गया। इस कार्यशाला में तेल, पानी, ऐक्रेलिक, पेस्टल रंग, पेंसिल और अन्य माध्यमों में कला की तकनीकें बताई गईं। इसमें सबसे अधिक लाभ सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को मिला, जिसका समापन गुरुवार को हुआ