Ballia News : बलिया में मिल रहा है गांव की कहतरी वाली दही और शुद्ध घी

बलिया। आधुनिक दौर में जहाँ एआई तकनीक से लेकर हर क्षेत्र में बदलाव आ रहा है, वहीं खाने-पीने की बात आते ही अक्सर लोगों को अपने गाँव और बचपन की यादें ताज़ा हो जाती हैं। मिट्टी की हांडी में बनी दही और उसी से तैयार शुद्ध घी की रोटी का स्वाद आज भी लोगों को पुरानी यादों में ले जाता है।

इन्हीं यादों को जीवंत करने के लिए बलिया शहर के गुदरी बाजार में श्री माँ वैष्णवी डेरी की शुरुआत हुई है। इसे संचालित कर रहे हैं युवा आकाश गुप्ता, जिन्होंने गाँव के पारंपरिक अंदाज़ में कहतरी वाली दही और शुद्ध घी उपलब्ध कराना शुरू किया है।

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पुणे की नौकरी छोड़ शुरू किया कारोबार

आकाश गुप्ता पहले पुणे की एक निजी कंपनी में कार्यरत थे। वे बताते हैं कि शहर में रहते हुए अक्सर उन्हें नानी के हाथों की बनी दही और घी की रोटी की याद आती थी। उसी से प्रेरणा लेकर उन्होंने बलिया लौटकर यह कारोबार शुरू किया। उनका मानना है कि ऐसे कई लोग होंगे जो गाँव का स्वाद और बचपन की यादें तलाशते होंगे।

पारंपरिक तरीके से तैयार होती है दही और घी

दही और घी बनाने की यह प्रक्रिया लगभग दो दिन की होती है। सबसे पहले गाय का शुद्ध दूध मिट्टी की कहतरी में गोयड़ा और कोयले की धीमी आँच पर करीब आठ घंटे तक पकाया जाता है। जब दूध लालिमा लिए और उसमें मिट्टी की खुशबू आ जाती है, तब उसे ठंडा कर जामन डाला जाता है। अगले दिन तैयार हुई दही को मथकर मक्खन निकाला जाता है और उसी मक्खन से शुद्ध घी बनाया जाता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि श्री माँ वैष्णवी डेरी से मिलने वाली दही और घी उन्हें अपने बचपन और गाँव की याद दिला देती है। यही वजह है कि यह डेरी अब बलिया शहरवासियों की पसंद बनती जा रही है।

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