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बलिया में ‘कर्मयोगिनी’ के मंचन से जीवंत हुई अहिल्याबाई होल्कर की गाथा, कलाकारों ने भावुक कर दिया दर्शकों को

बलिया। गंगा बहुउद्देशीय सभागार में गुरुवार की शाम राजमाता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर आधारित नाटक ‘कर्मयोगिनी’ का मंचन हुआ। भारतेंदु नाट्य अकादमी, लखनऊ और संकल्प साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था, बलिया की संयुक्त प्रस्तुति में इस नाटक ने दर्शकों को ऐतिहासिक चेतना और सांस्कृतिक गौरव से भर दिया।
डॉ. सुषमा शेखर ने कहा कि नाटक ने अहिल्याबाई के जीवन संघर्ष को जीवंत कर हमें अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने का अवसर दिया। आनंद दुबे ने कहा कि संकल्प के कलाकारों की मेहनत बलिया रंगमंच को एक नई ऊंचाई दे रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस नाटक का मंचन स्कूल-कॉलेजों में भी होना चाहिए ताकि नई पीढ़ी अपने इतिहास से जुड़े।
नाटक में दिखाया गया कि एक सामान्य परिवार में जन्मी अहिल्याबाई, जीवन की कठिनाइयों से जूझते हुए मालवा की रानी बनीं। पति, ससुर और पुत्र की मृत्यु के बाद उन्होंने शासन की बागडोर संभाली और अपने दूरदर्शी निर्णयों से मालवा साम्राज्य को नई दिशा दी। उन्होंने सड़कों, कुओं, मंदिरों और विश्रामगृहों का निर्माण करवाया, काशी विश्वनाथ और घृष्णेश्वर मंदिर के पुनर्निर्माण में योगदान दिया, और महेश्वर को वस्त्र उद्योग का केंद्र बनाते हुए माहेश्वरी साड़ियों की शुरुआत की।
अहिल्याबाई की भूमिका में रिया वर्मा और मल्हार राव के रूप में राहुल चौरसिया ने दमदार अभिनय किया। साथ ही शुभम सिंह, मोनिका गुप्ता, विशाल कुमार, रितिक गुप्ता, अभिमन्यु, साक्षी जायसवाल समेत कई कलाकारों ने अपने अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया।
मेकअप का दायित्व ट्विंकल गुप्ता और सोनी पांडेय ने संभाला, कास्ट्यूम काव्या गुप्ता, लाइटिंग तुषार पांडेय और संगीत शिवम कृष्ण ने संभाला। नाटक की परिकल्पना और सह-निर्देशन ट्विंकल गुप्ता ने किया, जबकि लेखन व निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने किया। संचालन उमेश सिंह ने किया।