दूसरे समुदाय की युवती से प्रेम करने पर मारा गया था युवक, प्रेमिका के माता-पिता और मामा दोषी करार

नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में फरवरी 2018 में हुए चर्चित अंकित सक्सेना हत्याकांड मामले में अदालत ने अंकित की प्रेमिका के माता-पिता और मामा को हत्या का दोषी करार दिया है। तीस हजारी कोर्ट स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार शर्मा की अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा है कि पेशे से फोटोग्राफर 23 वर्षीय अंकित सक्सेना की हत्या के पीछे की वजह उसके दूसरे समुदाय की लड़की के साथ प्रेम संबंध होना था। लड़की पक्ष को यह पसंद नहीं था।

घटना वाले दिन लड़की घर से निकल गई थी। इससे बौखलाए उसके पिता अकबर अली, मां शहनाज बेगम व मामा मोहम्मद सलीम ने रघुबीर नगर में बीच सड़क अंकित की गला काटकर हत्या कर दी। अदालत ने इस मामले में तीनों दोषियों को हत्या व एक इरादे से हत्या की वारदात को अंजाम देने के तहत दोषी करार दिया है। वहीं, लड़की की मां को अंकित की मां के साथ मारपीट करने का अलग से दोषी करार दिया गया है। हालांकि, मामले में लड़की का नाबालिग भाई भी आरोपी है। उसके खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड में मामला लंबित है।

यह भी पढ़े - अग्निवीर भर्ती घोटाला: अभ्यर्थियों से जबरन वसूली, दो नौसेना कर्मियों समेत तीन गिरफ्तार

सजा पर 15 जनवरी को बहस : तीनों दोषियों की सजा पर बहस 15 जनवरी को होगी। साथ ही अभियोजन व बचाव पक्ष से शपथपत्र दाखिल करने को कहा गया है। अभियोजन पक्ष मुकदमा खर्च और पीड़ित परिवार को मुआवजा को लेकर रिपोर्ट देगा। मामले में दोषियों को अधिकतम सजा फांसी और न्यूनतम सजा उम्रकैद हो सकती है।

अदालत ने गत गुरुवार को अपना फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि इस मामले का सबसे दुखद पहलू यह रहा कि दंपति ने अपनी इकलौती औलाद को अपने सामने तड़पते और मरते देखा। माता-पिता ने अदालत में बताया था कि जब अकबर अली, शहनाज बेगम, मोहम्मद सलीम और उनका नाबालिग बेटा अंकित को बुरी तरह पीट रहे थे। सैकड़ों लोगों की भीड़ के सामने उन्होंने अंकित का गला काट दिया था। लोग तमाशबीन बने खड़े थे। उन्होंने बेटे को बचाने की कोशिश की। इस पर शहनाज ने अंकित की मां पर हमला बोल दिया। पिता बचाने गए तो उन्हें भी चोट पहुंचाई गई।

मोहम्मद सलीम और नाबालिग लड़के ने अंकित के दोनों हाथ पकड़ लिए और अकबर अली ने पीछे से अंकित के बाल पकड़कर चाकू से उसका गला काट दिया। मां ने दौड़कर खून को रोकने की कोशिश तो उनकी अंगुली गले के अंदर चली गई। चारों तरफ खून फैल गया था। पिता लोगों से बेटे को बचाने की गुहार लगा रहे थे। यह सब सिर्फ दो मिनट में हो गया।

अदालत में अंकित की प्रेमिका यानी दोषियों की बेटी बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर पेश हुई। उसने बताया कि उसकी दोस्ती घटना से दो साल पहले अंकित से हुई थी। दोनों फोन पर बात करते थे। हालांकि, लड़की ने अपने माता-पिता का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने अंकित की हत्या नहीं की है। दो लोग उसके साथ बदसलूकी कर रहे थे। अंकित बचाने का प्रयास कर रहा था, तभी उसके पिता पास से गुजरे। वह भी उसे बचाने लगे। इसी बीच किसी ने अंकित का गला काट दिया। इस पर अदालत ने कहा कि आरोपियों का तो यह दावा है कि वह घटनास्थल पर थे ही नहीं। इससे साफ है कि वह झूठ बोल रही है।

अंकित के दोस्त नितिन की गवाही भी दर्ज की गई थी। उसने बताया कि घटना वाले दिन अंकित ने उसे कहा था कि लड़की टैगौर गार्डन मेट्रो स्टेशन पर है, वहां जाकर उसे ख्याला थाने लेकर चला जाए। इस बीच अंकित का गला काट दिया गया। वह तुरंत वहां से चला गया और लड़की के पास टेगौर गार्डन मेट्रो स्टेशन पहुंचा। वहां उसने हत्या की बात बताई और लड़की को लेकर ख्याला थाने चला गया। इस घटना के बाद लड़की को अदालत के आदेश पर नारी निकेतन भेज दिया गया था।

घटना के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पीड़ित परिवार से मिलने गए थे। उन्होंने घटना पर दुख जताते हुए कहा था कि वह परिवार को इंसाफ दिलाने में हर संभव मदद करेंगे।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, पहले दोषी ठहराए गए लोग और अंकित का परिवार एक ही गली में रहता था। घटना से एक महीने पहले ही लड़की के परिवार ने ए ब्लॉक से मकान बदलकर बी ब्लॉक में लिया था। पड़ोसियों की गवाही के अनुसार अंकित और लड़की के संबंधों के चलते ही उन्होंने मकान बदलने का फैसला लिया था। घटना के समय मौके पर मौजूद लोगों ने भी बताया कि अंकित को मारते समय आरोपी चिल्ला रहे थे कि हमारे घर की इज्जत के साथ खिलवाड़ करने का नतीजा तुझे बताते हैं। अभियोजन पक्ष के गवाहों ने अपने बयानों में इन सब बातों की पुष्टि की है।

Edited By: Parakh Khabar

खबरें और भी हैं

स्पेशल स्टोरी

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.