Prayagraj News: स्पा सेंटर में आपत्तिजनक स्थिति में मिले आरोपी के खिलाफ अनैतिक व्यापार अधिनियम के तहत कार्यवाही रद्द

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा स्थित एक थाई स्पा सेंटर में महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पाए गए व्यक्ति के खिलाफ दर्ज अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, 1956 की धारा 3, 4, 5 और 6 तथा आईपीसी की धारा 370 के तहत चल रही कार्यवाही को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि भले ही आवेदक की कथित संलिप्तता को सही माना जाए, लेकिन इन धाराओं के तत्व इस मामले में लागू नहीं होते।

अभियोजन पक्ष का तर्क

अभियोजन पक्ष ने बताया कि याची ने सहमति से शारीरिक संबंध बनाने के लिए सेवाओं का भुगतान किया था, इसलिए उसके खिलाफ दर्ज की गई कार्यवाही कानून में टिकाऊ नहीं है। इसके अलावा, जिस महिला के साथ याची शामिल था, वह न तो शिकायतकर्ता थी और न ही गवाह। इस आधार पर हाईकोर्ट ने याची के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामला रद्द कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की एकलपीठ ने विपुल कोहली की याचिका स्वीकार करते हुए पारित किया।

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पुलिस को सूचना मिलने के बाद नोएडा स्थित एलोरा थाई स्पा सेंटर पर छापा मारा गया, जहां कुछ लोग वेश्यावृत्ति में लिप्त पाए गए। आरोप था कि महिलाओं को जबरन वेश्यावृत्ति में धकेला जाता था। पुलिस ने वहां से कामोत्तेजक सामग्री बरामद की और स्पा संचालक के खिलाफ मामला दर्ज किया। छापेमारी के दौरान याची एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पाया गया था, जिसके आधार पर उसके खिलाफ अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम और आईपीसी की धारा 370 के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

याची की दलील

याची ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा कि वह केवल एक ग्राहक था, जिसने सहमति से शारीरिक संबंध के लिए भुगतान किया था, इसलिए उसके खिलाफ दर्ज आपराधिक कार्यवाही निराधार है। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए याची के खिलाफ सभी कार्यवाही को रद्द कर दिया।

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