भारत ने पहली बार किया S-400 सिस्टम का इस्तेमाल, पाक की कोशिश नाकाम

नई दिल्ली/जैसलमेर: भारत ने पहली बार रूस निर्मित S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम का उपयोग करते हुए पाकिस्तान की ओर से संभावित हवाई हमले को नाकाम कर दिया। यह प्रणाली भारतीय वायुसेना के सबसे शक्तिशाली रक्षा साधनों में से एक मानी जाती है।

क्या है S-400 ट्रायम्फ?

S-400 एक उन्नत वायु रक्षा प्रणाली है जो 400 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्यों को निशाना बना सकती है। इसका रडार 600 किलोमीटर दूर तक के हवाई खतरों को पहचान सकता है। यह प्रणाली लड़ाकू विमानों, ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है।

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रेजीमेंट क्षमता: एक साथ 32 मिसाइलें

एक S-400 रेजीमेंट में 8 लॉन्चर होते हैं और हर लॉन्चर में 4 मिसाइलें। यानी एक समय में कुल 32 मिसाइलें दागी जा सकती हैं। यह अत्यंत सटीक और तेज़ गति से हमले को निष्क्रिय कर सकती है, यहाँ तक कि न्यूक्लियर मिसाइल को भी हवा में तबाह करने की क्षमता रखती है।

पौराणिक सुदर्शन चक्र से तुलना

भारत ने इस प्रणाली को 'S-400 सुदर्शन चक्र' नाम देकर इसे सांस्कृतिक पहचान भी दी है। जैसे भगवान विष्णु का चक्र न्याय और शक्ति का प्रतीक है, वैसे ही यह प्रणाली भी देश की रक्षा में एक मजबूत ढाल मानी जाती है।

भारत की रणनीतिक बढ़त

पाकिस्तान और चीन से बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत ने इस सिस्टम को तैनात किया है। इसका पहला सफल उपयोग भारतीय सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती का प्रमाण है और यह स्पष्ट संदेश देता है कि भारत अब किसी भी हवाई हमले के लिए पूरी तरह तैयार है।

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