Mirzapur News: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने समाज में समानता और आर्थिक सशक्तिकरण पर दिया जोर

मिर्जापुर: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बुधवार को हलिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत मवई कला स्थित पंचशील डिग्री कॉलेज परिसर में अपने निर्धारित समय से लगभग दो घंटे देर से पहुंची। उनके आगमन पर केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, भाजपा मंडल अध्यक्ष दिनेश अग्रहरी और अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।

समाज में भेदभाव खत्म करने की अपील

अपने संबोधन में राज्यपाल ने समाज को ऊंच-नीच और भेदभाव से मुक्त करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां सभी ने समान रूप से स्नान किया और कोई भेदभाव नजर नहीं आया।

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पिछड़े वर्ग के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर

राज्यपाल ने कहा कि पिछड़े वर्ग के कई लोग आर्थिक कारणों से अपने कौशल को आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए वाराणसी के जिलाधिकारी द्वारा स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से वित्तीय प्रशिक्षण और धन के सही उपयोग की पहल की जा रही है।

विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को सौंपे प्रमाणपत्र और सहायता राशि

कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने ग्रीन आर्मी की महिलाओं से संवाद किया। गोद भराई और अन्नप्राशन संस्कार कराए। दिव्यांगों को ट्राई साइकिल वितरित की। सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र, प्रशस्ति पत्र और विंध्य स्वच्छता प्रतिष्ठान की चाबी सौंपी। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 5.73 करोड़ रुपये का डेमो चेक सौंपा। मुख्य ग्राम उद्योग योजना के तहत राजेश, जवाहिर और सुनील को डेमो चेक प्रदान किया।

शिक्षा और परिश्रम से बुलंदियों तक पहुंचने की प्रेरणा

राज्यपाल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जिक्र करते हुए कहा कि शिक्षा और परिश्रम से कोई भी व्यक्ति सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। उन्होंने बैंक सखी योजना के तहत महिलाओं को वित्तीय प्रबंधन और बैंकिंग का प्रशिक्षण देने की जानकारी दी, जिससे वे अपने परिवार और समाज को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकें।

धोखाधड़ी से बचने की सलाह

राज्यपाल ने धन के मामलों में सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि लोग अक्सर दोगुना मुनाफा देने के नाम पर ठगी करते हैं। उन्होंने गुजरात का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां के लोग अपनी भूमि और संसाधनों का बेहतर उपयोग कर आर्थिक समृद्धि की नई राह खोल रहे हैं।

बच्चों के शुरुआती 9 महीने समाज की जिम्मेदारी

राज्यपाल ने शिशु पोषण और देखभाल पर जोर देते हुए कहा कि बच्चों के शुरुआती नौ महीने माता-पिता और समाज की सामूहिक जिम्मेदारी होते हैं। उन्होंने समाज से इस दिशा में जागरूक और सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।

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