UP Panchayat Elections: भाजपा ने बूथ स्तर पर की तैयारी, सेमीफाइनल मानकर उतरेगी पूरी ताकत से

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पूरी ताकत से लड़ेगी। पार्टी ने इन्हें 2027 के विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल मानते हुए बूथ स्तर पर माइक्रो मैनेजमेंट की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने “पूर्व तैयारी ही पूर्ण तैयारी” के नारे के साथ लगभग आठ-नौ महीने पहले से ही बूथ स्तर तक पहुंच बनाना शुरू कर दिया है।

गांव-गांव में कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जा रहा है और मतदाता पंजीकरण के लिए घर-घर संपर्क अभियान चल रहा है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, पंचायत चुनाव भाजपा नेतृत्व के लिए 2027 की राह तय करने वाले चुनाव साबित होंगे। प्रदेश संगठन महामंत्री धरमलाल सिंह को सभी 75 ज़िला पंचायतों में पार्टी की पकड़ मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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भाजपा प्रवक्ता अवनीश त्यागी ने बताया कि पार्टी ने बूथ समितियों, मंडल इकाइयों और शक्ति केंद्रों को सक्रिय कर ग्रामीण वोटरों तक पहुंचने की रणनीति बनाई है। प्रत्येक ज़िले में कार्यकर्ता बैठकों के जरिए पंचायत चुनावों के महत्व पर जोर दिया जा रहा है।

ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत चुनावों में सबसे अधिक विवाद की संभावना रहती है। इसे देखते हुए पार्टी ने इन पदों पर सीधे हस्तक्षेप न करने का फैसला किया है। हाल ही में गठित बूथ समितियों और मंडल इकाइयों की यह पहली परीक्षा होगी।

भाजपा नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया है कि बेहतर प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित और पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही, ग्रामीणों को राज्य सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों से अवगत कराने का अभियान भी चलाया जा रहा है।

लोकसभा चुनाव 2024 में उम्मीद से कम प्रदर्शन के बाद, भाजपा इन पंचायत चुनावों को अपने लिए सुधार का बड़ा अवसर मान रही है। समाजवादी पार्टी के पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फार्मूले को टक्कर देने के लिए पार्टी स्थानीय जातीय समीकरणों पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है।

गौरतलब है कि 2014 और 2019 लोकसभा चुनावों के साथ 2017 व 2022 विधानसभा चुनावों में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में मजबूत प्रदर्शन किया था। पार्टी ने गैर-जाटव दलितों, गैर-यादव ओबीसी और ऊंची जातियों का समर्थन लगातार बनाए रखा। अब पंचायत चुनावों के जरिए भाजपा उस आधार को और मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है।

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