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नाबार्ड और कार्यदायी विभाग मिलकर डिजिटलीकरण पर दें ध्यान: मुख्य सचिव की हाई पावर कमेटी में डिजिटल क्रांति पर बल
लखनऊ। मुख्य सचिव एस.पी. गोयल ने नाबार्ड और राज्य के कार्यदायी विभागों से समन्वय बढ़ाते हुए डिजिटलीकरण पर संयुक्त रूप से कार्य करने की अपेक्षा जताई है। उन्होंने कहा कि इससे परियोजनाओं की स्वीकृति, प्रतिपूर्ति दावे और परियोजना पूर्णता प्रमाणपत्र (पीसीआर) को नाबार्ड के आरआईडीएफ वेब पोर्टल पर शीघ्र भेजना संभव होगा।
मुख्य सचिव ने आरआईडीएफ की ऋण पात्रता, न्यूनतम परियोजना आकार तथा नई संवितरण प्रणाली में हालिया बदलावों की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि नई प्रणाली से राज्य सरकार के आंतरिक संसाधनों के सुचारु आवागमन में सहयोग मिलेगा।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक ने पिछले पांच वर्षों में आरआईडीएफ के तहत परियोजना स्वीकृतियों और ऋण संवितरण में हुई निरंतर वृद्धि का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने वर्ष 2025-26 के लिए 3000 करोड़ रुपये के संवितरण लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी विभागों से प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने का आग्रह किया। यह भी बताया गया कि संतोषजनक प्रगति होने पर उत्तर प्रदेश के लिए मुख्यालय से अतिरिक्त आवंटन का अनुरोध किया जा सकता है।
बैठक में नाबार्ड, उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से मुख्य महाप्रबंधक पंकज कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। राज्य सरकार की ओर से प्रमुख सचिव पशुपालन मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग, प्रमुख सचिव लोक निर्माण अजय चौहान, सचिव वित्त सारिका मोहन सहित विभिन्न कार्यदायी विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
