लखनऊ: जिंदगियां बचाने को शुरू हुआ महाअभियान, युवाओं के जोश से बदलेगी तस्वीर

लखनऊ। एक व्यक्ति के अंगदान से आठ लोगों की जान बचाई जा सकती है। ऊतक दान से 75 लोगों की जिंदगी बदल सकती है, उनके जीवन में महत्वपूर्ण सुधार हो सकता है। यही वजह है कि लाखों लोगों की जिंदगियां बचाने के लिए रविवार सुबह सैकड़ो लोग 1090 चौराहे पर इकट्ठा हुए और अंग दान महादान, आप भी ले अंग दान का संकल्प सरीखे नारों के साथ पैदल मार्च कर लोगों को जागरूक किया। इस अवसर पर युवाओं का जोश देखते ही बना।

दरअसल,अंगदान के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश के राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) और संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGIMS) के अस्पताल प्रशासन विभाग के सहयोग से "भारतीय अंगदान दिवस" (IODD) के अवसर पर कार्यक्रमों की एक व्यापक श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा। जिसकी शुरुआत आज 1090 चौराहा पर "अंगदान जन जागरुकता अभियान" थीम के तहत वॉकथॉन से हुई।

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वॉकथॉन को sgpgi के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर आरके. धीमन, WOMEN & CHILD SECURITY WING(1090), SSP रुचिता चौधरी ने हरी ठंडी दिखाकर रवाना किया। वही इस अवसर पर चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण व चिकित्सा शिक्षा प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा, sgpgi स्थित नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो नारायण प्रसाद और उत्तर प्रदेश की राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) के संयुक्त निदेशक डॉक्टर राजेश हर्षवर्धन उपस्थित रहे।

अंगदान महादान, मृत्यु के बाद भी मिलेगी जिंदगी : रुचिता चौधरी

इस अवसर पर WOMEN & CHILD SECURITY WING(1090) की SSP रुचिता चौधरी ने कहा कि लंबे समय से मेरे मन में शरीर के दान की इच्छा थी। आज मुझे अवसर मिला है अंग दान के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने का। उन्होंने बताया कि अंगदान ही वह तरीका है। जिससे मृत्यु के बाद भी जीवन मिलता है। 

अंगदान देता है नई जिंदगी: प्रो.नारायण प्रसाद 

SGPGI के प्रोफेसर नारायण प्रसाद ने बताया कि 2 लाख लोग अभी प्रतीक्षारत है,जिनकी जिंदगी बचाई जा सकती है। मौजूदा समय में जितने लोग ब्रेन डेड हो रहे हैं, उनमें से 10% का भी यदि अंगदान हो जाए तो प्रदेश के 40 से 50 हजार लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि ब्रेनडेड होने के बाद दुनिया में कोई व्यक्ति जीवित नहीं हुआ है। ऐसे में एक ब्रेन डेड व्यक्ति कई लोगों की जिंदगी बचा सकता है।

32 हजार किडनी और 16 हजार  लिवर से बचा सकते हैं हजारों की जान: प्रो राजेश

उत्तर प्रदेश की राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) के संयुक्त निदेशक व एसजीपीजीआई के अस्पताल प्रशासन विभाग के HOD डॉ. राजेश हर्षवर्धन ने बताया है कि हर साल भारत में 5 लाख लोगों की अंग खराब होने से मौत हो जाती है। प्रत्येक 6 मिनट में एक व्यक्ति अपनी जान गवां रहा है, वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष करीब 23000 लोग सड़क दुर्घटना में अपनी-अपनी जान गंवाते हैं, जिसमें से करीब 15 से 16 हजार लोग ब्रेन डेड होते हैं। जो लोग ब्रेन डेड होते हैं। उनकी किडनी और लिवर को हम  खो रहे हैं। इससे हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है।

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