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ग्रामीण चौकीदार से लेकर फॉरेंसिक तक CM योगी का विजन, पुलिस को ‘सुपर स्ट्रॉन्ग’ बनाने का मास्टर प्लान
लखनऊ। राजधानी की सिग्नेचर बिल्डिंग में आयोजित पुलिस मंथन के विभिन्न सत्रों के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए व्यापक विजन प्रस्तुत किया। उन्होंने गांव स्तर की सुरक्षा व्यवस्था से लेकर अत्याधुनिक फॉरेंसिक तकनीकों के प्रभावी उपयोग तक पर विस्तार से अपनी बात रखी।
उन्होंने बीट पुलिस में तैनात आरक्षियों और दारोगाओं को ग्राम स्तर पर निरंतर संवाद, प्रभावी जनसंपर्क और आपसी विश्वास का वातावरण बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के अनुसार इससे आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना मजबूत होगी और कानून-व्यवस्था को जमीनी स्तर पर सुदृढ़ करने में यह मॉडल एक भरोसेमंद व्यवस्था के रूप में उभरेगा।
मुख्यमंत्री ने भारतीय न्याय संहिता और फॉरेंसिक विज्ञान के प्रभावी प्रयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में दुर्दांत माफिया और संगठित अपराधियों को प्रभावी दंड नहीं मिल पाता था, लेकिन अब वैज्ञानिक फॉरेंसिक साक्ष्यों और नई न्याय संहिता के तहत ऐसे अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई संभव हो रही है। फॉरेंसिक आधारित जांच से गंभीर अपराधों में दोषसिद्धि की दर बढ़ी है और अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाया गया है।
प्रदेश में फॉरेंसिक साइंस संस्थान की स्थापना को महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे इस क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन तैयार होंगे। उन्होंने प्रत्येक जिले में फॉरेंसिक विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, लैब तकनीशियनों के चयन के लिए मानक आधारित प्रक्रिया लागू करने और साक्ष्य संकलन व परीक्षण में निर्धारित प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए।
प्रशिक्षण, विस्तार और भविष्य की तैयारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि फॉरेंसिक क्षेत्र में क्षमता-वृद्धि के लिए नव-नियुक्त पुलिस कार्मिकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी है। उन्होंने वाराणसी में प्रस्तावित 50 एकड़ क्षेत्र में विकसित किए जा रहे फॉरेंसिक सेंटर को फॉरेंसिक संस्थान से जोड़कर आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने फॉरेंसिक के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए इन प्रयासों को और अधिक मजबूत किए जाने की आवश्यकता है।
