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इंसानियत अभी ज़िंदा है: बीएसए बने सहारा, आजमगढ़ से मुस्कुराते हुए घर लौटा बलिया का मुकेश
बलिया। भटकते-भटकते आजमगढ़ पहुंचा बलिया का एक युवक आखिरकार अपनों से मिल गया। इस मानवीय पहल का श्रेय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह, उनके परिवार और शिक्षा विभाग की टीम को जाता है, जिनकी तत्परता से युवक सुरक्षित अपने घर लौट सका। मामला बेरुआरबारी ब्लॉक से जुड़ा है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए बीएसए मनीष कुमार सिंह ने मानवीय दायित्व निभाते हुए खंड शिक्षा अधिकारी बेरुआरबारी वीरेंद्र कुमार को तत्काल निर्देश दिए कि युवक के परिजनों का पता लगाकर आवश्यक व्यवस्था की जाए और उसे सुरक्षित घर पहुंचाया जाए। निर्देश मिलते ही खंड शिक्षा अधिकारी ने गांव का सत्यापन कराया, पिता से संपर्क किया और वाहन की व्यवस्था कर परिवार को आजमगढ़ भेजा। शिक्षकों के सहयोग से पूरी प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हुई और मुकेश अपने घर लौट आया।
मुकेश के घर पहुंचते ही परिवार और गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। इस सराहनीय कार्य में बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े नवाचारी शिक्षक उमेश सिंह, जितेंद्र प्रताप सिंह (ब्लॉक अध्यक्ष, बेरुआरबारी), संजय दुबे, चन्द्रेश्वर पांडेय, ज्ञान प्रकाश सहित कई शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। परिवारजनों ने बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारी और सहयोगी शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि आज भी इंसानियत ज़िंदा है।
