संकष्ट गणेश चतुर्थी और बहुला व्रत आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

भाद्रपद कृष्ण पक्ष चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को हेरम्ब चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन विद्या-बुद्धि-वारिधि गणेश तथा चन्द्रमा की पूजा की जाती है। बलिया के अमृतपाली निवासी ज्योतिर्विद आचार्य पंडित आदित्य पराशर बताते हैं कि इस व्रत को पुत्रवती माताएं पुत्र और पति की सुख-समृद्धि एवं दीर्घायु की कामना के लिए व्रत रखती हैं। दिनभर व्रत रखने के बाद सायंकाल गौरी-गणेश की पूजा कर नैवेद्य के साथ ईख, कंद, अमरूद, गुड़ तथा घी का भोग लगाना चाहिए।

यह चढ़ाया हुआ नैवेद्य रात्रि भर डलिया इत्यादि से ढ़क कर रख देना चाहिए, जिसे पहार कहा जाता है। इस ढ़के हुए पहार को पुत्र द्वारा खुलवाना चाहिए तथा भाई-बंधुओं में बँटवाना चाहिए। इससे भाई-बंधुओं में आपसी प्रेम बढ़ता है। सायंकाल गौरी-गणेश की पूजन के बाद चन्द्र दर्शन होने पर दूध का अर्घ्य देकर चन्द्रमा से पुत्र की सुख तथा दीर्घायु की कामना के लिए प्रार्थना कर नैवेद्य ब्राह्मण को दान कर स्वयं पारण करना चाहिए। गणेश चतुर्थी व्रत इस माह में 12 अगस्त 2025 दिन मंगलवार को है। अर्घ्य देने का समय रात्रि में (8:37) 8 बजकर 37 मिनट के बाद है। व्रती महिलाएं 8:37 बजे के बाद पारण करें।
ज्योतिर्विद आचार्य 
पंडित आदित्य पराशर 
अमृतपाली, बलिया 
9454356394

यह भी पढ़े - गणेश चतुर्थी आशा और समृद्धि का पर्व है : डॉ. अखिलेश उपाध्याय

खबरें और भी हैं

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.