- Hindi News
- उत्तर प्रदेश
- बलिया
- AIOCD, OCDUP और BCDA का केंद्र से आग्रह – ऑनलाइन मेडिसिन डिलीवरी पर लगे रोक, युवाओं में नशे का खतरा
AIOCD, OCDUP और BCDA का केंद्र से आग्रह – ऑनलाइन मेडिसिन डिलीवरी पर लगे रोक, युवाओं में नशे का खतरा बढ़ा

बलिया: देशभर के 12.40 लाख से अधिक केमिस्टों का प्रतिनिधित्व करने वाली ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अवैध ई-फार्मेसी और क्विक कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म (जैसे Zepto, Blinkit आदि) के माध्यम से 10 मिनट में शेड्यूल प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की डिलीवरी पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। संगठन ने स्पष्ट किया कि यह कार्य ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट का उल्लंघन है और दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों की भी अवमानना करता है।
मुख्य चिंताएं
ऑफलाइन पर सख्ती, ऑनलाइन पर ढिलाई: सरकारी एजेंसियां ऑफलाइन दवा विक्रेताओं पर त्वरित कार्रवाई करती हैं, जबकि अवैध ऑनलाइन विक्रेता लगभग बगैर रोक-टोक काम कर रहे हैं, जिससे नशीली दवाओं के दुरुपयोग में 55% वृद्धि हुई है।
सत्यापन का अभाव: खरीदार की मंशा और प्रिस्क्रिप्शन की प्रामाणिकता जांचने का कोई ठोस तंत्र नहीं है।
आसानी से उपलब्ध नशे की दवाएं: प्रेगाबालिन जैसी शेड्यूल H दवाएं संदिग्ध ऑनलाइन परामर्श सेवाओं के जरिए युवाओं तक आसानी से पहुंच रही हैं।
टेलीमेडिसिन का दुरुपयोग: ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म इन दिशानिर्देशों का गलत इस्तेमाल कर प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की व्यावसायिक बिक्री कर रहे हैं, जो कानून की भावना के विपरीत है।
मुनाफाखोरी पर जोर: विदेशी पूंजी से संचालित कई ई-फार्मेसियां दवाओं को सिर्फ़ बिक्री और मुनाफे का साधन मान रही हैं, जिससे घरेलू बाजार कमजोर हो रहा है और बेरोजगारी बढ़ रही है।
मांगें और सुझाव
1. शेड्यूल H/H1/X दवाओं की ऑनलाइन बिक्री और 10-मिनट डिलीवरी पर पूर्ण प्रतिबंध।
2. कानून का उल्लंघन करने वाली सभी ई-फार्मेसियों को तुरंत बंद किया जाए।
3. युवाओं को नशे के खतरे से बचाने के लिए कड़ी निगरानी और दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
AIOCD, OCDUP और BCDA ने सरकार से अनुरोध किया है कि “नशे के खिलाफ युद्ध” के मिशन के तहत जल्द से जल्द कठोर कदम उठाए जाएं। संगठनों का कहना है कि निर्णायक कार्रवाई से इस गंभीर सामाजिक समस्या को नियंत्रित करने में ऐतिहासिक बदलाव लाया जा सकता है और वे इस राष्ट्रीय अभियान में पूरी तरह सरकार के साथ खड़े हैं।