परार्थ भाव से ओतप्रोत था प्रो. जमुना राय का जीवन : डॉ. जनार्दन राय

बलिया। सतीश चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय के बीएड विभाग में प्रोफेसर रहे जमुना राय का जीवन अनेक विसंगतियों से गुजरते हुए भी परार्थ भाव से परिपूर्ण रहा। उनके व्यक्तित्व में एक ओर गहन चिंतनशील विचारक तो दूसरी ओर कर्मशील किसान की ऊर्जा विद्यमान थी। उनका जीवन ज्ञान, कर्म और विद्या के अद्भुत समन्वय का प्रतीक था।

यह विचार वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जनार्दन राय ने बुधवार को नई बस्ती काशीपुर स्थित कवि कुटीर पर आयोजित पुण्यतिथि कार्यक्रम में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि वास्तव में प्रो. जमुना राय का जीवन परार्थ के विस्तार की सजीव मिसाल है।

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कार्यक्रम में प्रो. बनारसी राम ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें सच्चा कर्मयोगी बताया। स्मृति संगोष्ठी के दौरान राहुल ठाकुर, पियूष पांडेय, अशोक कुमार पांडेय, अक्षयवरनाथ ओझा, शिववचन सिंह, अभिजीत तिवारी, उबा पांडेय और गीता ने उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

कार्यक्रम का संचालन नीतीश शेखर ने किया और आभार ज्ञापन कुबेर नाथ राय ने प्रस्तुत किया।

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