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बलिया: भाजपा विधायक केतकी सिंह ने विधानसभा में भोजपुरी से जीता सबका दिल

बलिया। उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बांसडीह से भाजपा विधायक केतकी सिंह ने अपनी ठेठ भोजपुरी भाषा में प्रभावशाली संबोधन देकर सदन का माहौल खुशनुमा बना दिया। उनकी मीठी भोजपुरी और प्रभावशाली अंदाज ने सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों का ध्यान खींचा।
भोजपुरी में नवमी गीत से मोह लिया मन
"जवने असिसिया मईया मलिनी के दिहलू, कि उहे असिसिया हमरा जोगी भईया के दी... हमरा अध्यक्षों भईया के दी।" उनके इस अनोखे अंदाज पर सदन तालियों से गूंज उठा।
भाषाओं को लेकर गरमाई थी बहस
बजट सत्र के पहले दिन अंग्रेजी और उर्दू भाषा को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली थी। लेकिन दूसरे दिन विधायकों को बुंदेलखंडी, भोजपुरी, अवधी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में बोलने का अवसर दिया गया। इसी दौरान केतकी सिंह ने जब भोजपुरी में अपनी बात रखी, तो पूरे सदन का ध्यान उन्हीं पर टिक गया।
विपक्ष को दिया करारा जवाब
अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा "भोजपुरी इतनी प्यारी भाषा है कि इसका विरोध तो छोड़िए, हमें तो लग रहा था कि विपक्ष आपको गले लगा लेगा। जहां कहीं भी इंसानियत होई, वहां यूपी के केहू ना केहू जरूर होई। ऊ बड़ी गर्व से भोजपुरी भाषा में बात कर रहल होई।"
"हम पूरा सदन के धन्यवाद दे तानी। मन करे त भोजपुरी बोली सुने..। जे ना सुनल चाहे ऊ चुपचाप घर जाऊ। जे सुनल चाहे ऊ बस बटन दबा लेऊ। गर्दन पर तलवार नइखें राखल। जे हिंदी में बोलल चाहता ऊ हिंदी में बोलो, जे भोजपुरी में बोलल चाहता ऊ भोजपुरी में बोलो। जे ना बोलल चाहता ना सुनल, ऊ चुपचाप अपना घरे जाऊ।" उनकी इस बेबाक टिप्पणी पर पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा।
विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ने लिए मज़ेदार चुटकी
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मज़ाकिया लहजे में कहा "गले लगा नहीं रहे हैं, वो गले पड़ रहे हैं।" इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, और तमाम विधायक हंसने लगे।
केतकी सिंह का यह अनोखा अंदाज न केवल भोजपुरी भाषा के प्रति सम्मान को दर्शाता है, बल्कि भाषायी विविधता की महत्ता को भी उजागर करता है।