बदायूं : शहीद मोहित राठौर के नाम पर बने पार्क तक नहीं पहुंच रहा रास्ता, परिवार पहुंचा संकट में

बदायूं। “जो शहीद हुए हैं, जरा याद करो कुर्बानी”… यह पंक्ति गूंजते ही मन में देशभक्ति की भावना उमड़ आती है। लेकिन अफसोस की बात है कि देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद मोहित राठौर के नाम पर बनाए जा रहे सरकारी पार्क तक पहुंचने के लिए रास्ता तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। विडंबना यह है कि अड़चन शहीद के ही परिवार की ओर से खड़ी की जा रही है। परेशान परिजन अब मुख्यमंत्री से शिकायत करने की तैयारी में हैं।

इस्लामनगर क्षेत्र के गांव सभानगर निवासी मोहित राठौर ने 27 जुलाई 2024 को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में देश सेवा करते हुए प्राण न्यौछावर कर दिए थे। अंतिम यात्रा में हजारों लोग नम आंखों से उन्हें विदाई देने पहुंचे थे। सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने परिवार को हर संभव सहयोग का भरोसा दिया था। शहीद की याद में गांव में एक स्मृति द्वार और विधायक निधि से शहीद पार्क बनाया जा रहा है।

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पार्क तक पहुंचने के लिए मात्र 5 से 7 मीटर रास्ते की जरूरत है। शहीद के पिता नत्थू सिंह राठौर अपनी दोगुनी जमीन देने को तैयार हैं, लेकिन परिवार के अन्य सदस्य बाधा डाल रहे हैं। समस्या दूर न होने पर शहीद का परिवार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट रहा है।

परिजन अब तक तहसील बिसौली प्रशासन, विधायक आशुतोष मौर्य और पूर्व विधायक कुशाग्र सागर से समाधान की मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ऐसे में इकलौते बेटे को खोने वाला परिवार अब लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री से मिलने की तैयारी कर रहा है।

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