मादक पदार्थों के विरुद्ध

मादक पदार्थों का दुरुपयोग स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याओं में से एक है, जिसका आज दुनिया सामना कर रही है। वैश्विक मादक पदार्थ का अवैध व्यापार एक बड़ी समस्या है जिस कारण भारत सहित विश्व भर की सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियां अलर्ट पर हैं।

संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि अवैध नशीले पदार्थों के कारण दुनिया भर में करीब दो लाख लोग मौत का शिकार होते हैं जिनमें अधिकतर 30 वर्ष की आयु के आसपास के होते हैं। भारत भी मादक पदार्थों के दुरुपयोग और तस्करी संबंधी गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है, जो लाखों लोगों, विशेषकर युवाओं के स्वास्थ्य, कल्याण और सुरक्षा को प्रभावित करता है।

सोमवार को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने एक सम्मेलन में कहा कि मादक पदार्थों का वैश्विक अवैध कारोबार 650 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। जो कुल अवैध अर्थव्यवस्था का 30 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा-शुल्क अधिकारियों को इन अपराधों का पता लगाने वाली उन्नत तकनीकें एवं जानकारी साझा करनी चाहिए। यह एक सामाजिक समस्या है जिसके कारण युवाओं और परिवारों को नुकसान पहुंचता है और इससे अर्जित किया गया धन विघटनकारी गतिविधियों एवं उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है जिसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ता है।

नशीली दवाओं की तस्करी अक्सर अपराध के अन्य रूपों से जुड़ी होती है, जैसे-आतंकवाद, मनी लांड्रिंग अथवा भ्रष्टाचार। मादक पदार्थों के उन्मूलन के प्रयास के तहत सरकार का लक्ष्य 2047 तक भारत को ‘मादक पदार्थ मुक्त’ बनाना है। संविधान में राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के अनुच्छेद 47 में राज्य को अवैध नशीले पदार्थ के इस्तेमाल के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

इसमें कहा गया है कि पोषण का स्तर, जीवन का स्तर बढ़ाने और जन स्वास्थ्य में सुधार का प्रयास करेंगा और विशेष तौर पर राज्य मादक पेय पदार्थों और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पदार्थों का, औषधीय उपयोग को छोड़कर, उपभोग रोकने के लिए प्रयास करेंगा। ध्यान रहे भारत में एक बड़ी आबादी के साथ-साथ दवाओं की उच्च मांग है, जो नशीली दवाओं के व्यापार को आसान बनाती है।

उधर देश में नशीले पदार्थों की तस्करी और दुरुपयोग से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों, विशेष उपकरणों और उचित बुनियादी ढांचे की कमी है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग एवं लत से खतरों के बारे में जागरुकता और शिक्षा की कमी है।

एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नशीले पदार्थ तीन बुराइयों अंधकार, विनाश और तबाही लेकर आते हैं। इसलिए समाज को यह समझने की जरूरत है कि इस खतरे से निपटने के लिए एकजुट होने का समय है। 

खबरें और भी हैं

Latest News

Farrukhabad News: गंगा में डूबे दो युवक, स्नान के दौरान दर्दनाक हादसा, मुख्यमंत्री ने जताया शोक Farrukhabad News: गंगा में डूबे दो युवक, स्नान के दौरान दर्दनाक हादसा, मुख्यमंत्री ने जताया शोक
फर्रुखाबाद। जिले में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर गंगा नदी में स्नान के दौरान सोमवार को दो युवकों की डूबने...
Lucknow News: ओवरलोड डंपर ने सड़क किनारे सो रहे मजदूर को कुचला, मौके पर दर्दनाक मौत, पहचान अब तक अज्ञात
बलिया कोर्ट का बड़ा फैसला: पाक्सो एक्ट में दोषी युवक को 25 साल की सश्रम कैद, 51 हजार रुपये जुर्माना
Unnao News: युवक ने पत्नी और दो बेटियों की हत्या के बाद की आत्महत्या, चार मौतों से गांव में मचा हड़कंप
Aligarh News: दो बाइकों की टक्कर में तीन की मौत, महिला और बच्ची गंभीर घायल

स्पेशल स्टोरी

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.