संघर्ष विराम के बाद

अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थ गाजा में संघर्ष विराम बढ़ाने के लिए दबाव डाल रहे हैं। इस संघर्ष विराम ने पिछले कुछ दशकों में सबसे घातक इजराइली-फलस्तीनी हिंसा को रोक दिया है। इजराइल द्वारा कैद फलस्तीनियों की रिहाई के बदले, हमास चरमपंथियों द्वारा बंधक बनाए गए लोगों को छोड़ने के चौथे चरण के लिए दोनों पक्ष तैयार हैं।

सोमवार युद्ध विराम का आखिरी दिन रहा, लेकिन मध्यस्थ इसे आगे बढ़ाने की कोशिशें कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक्स पर कहा कि मिस्र और कतर के साथ हमारा प्रशासन भी संघर्ष विराम बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। बढ़ता दबाव इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को संघर्ष विराम बढ़ाने और हमास को अतिरिक्त रियायतें देने के लिए प्रेरित कर सकता है।

इजराइल 7 अक्टूबर को हमास के हमले से काफी सदमे में है और आतंकवादी समूह को िमटाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमास ने भी कहा कि उसे अमेरिका, कतर और मिस्र की मध्यस्थता में हुई कई सप्ताह की परोक्ष वार्ता के बाद गत शुक्रवार को प्रभाव में आए चार दिन के संघर्ष-विराम के बढ़ने की उम्मीद है,लेकिन इजराइल का कहना है कि वह हमास की सैन्य क्षमताओं को कुचलने और गाजा पर उसके 16 साल के शासन को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उधर बाइडेन ने इस जंग को हमेशा के लिए रोकने के लिए एक सुझाव दिया है। बाइडेन ने कहा है कि ‘दो-देशों’का सिद्धांत ही इजराइली और फलस्तीनी दोनों की दीर्घकालिक सुरक्षा की गारंटी देने का एकमात्र तरीका है। 

युद्ध विराम के बाद से अब तक हमास ने इजराइल, थाईलैंड, अमेरिका और रूस के नागरिकों सहित 58 लोगों को रिहा किया है। जबकि इजराइल ने अपनी जेलों से 117 फलस्तीनियों को रिहा कर दिया है। गाजा में रहने वाले लोग ईंधन, भोजन और दवा की जरूरी आपूर्ति प्राप्त करने के लिए संघर्ष विराम का उपयोग कर रहे हैं। युद्ध विराम समाप्त होने के बाद क्या इजराइल सैन्य अभियान फिर शुरू करेगा?

साथ ही सवाल यह भी है कि विराम के बाद फिर से युद्ध शुरू हो जाएगा तो कब तक चलेगा और आखिर इसका अंत कब होगा? इस पर रक्षा विशेषज्ञों का मानना है िक इजराइल का सैन्य अभियान अब अंतिम चरण में है। परंतु युद्ध जारी रहने की स्थिति में इजराइल के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहानुभूति खोने का खतरा होगा। देखना यह है कि कूटनीतिक प्रयास इस युद्ध को कैसे रोकेंगे? युद्ध विराम होना चाहिए, युद्ध से मानवता का विनाश हो रहा है, क्योंकि युद्ध किसी समस्या का हल नही हैं।

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