बर्फबारी के बाद सामने आई ओम पर्वत की शानदार तस्वीरें, फिर दिखने लगा ऊँ

Om Parvat : पिथौरागढ़ में व्यास घाटी के नाभीढांग स्थित ओम पर्वत फिर से बर्फ से आच्छादित हो गया है। बर्फबारी होने से ओम पर्वत पर ऊँ का चिह्न फिर दिखाई देने लगा है। विश्व प्रसिद्ध लाखों भक्तों के आस्था का केंद्र ओम पर्वत बर्फ पिघलने से ओम विहीन हो गया था। इसके बाद से ही पर्यटकों और श्रद्धालुओं में मायूसी थी।

अदृश्य हो गई थी ओम की आकृति
नाबीढांग से सामने नजर आने वाला ओम पर्वत अपने आप में एक अजूबे से कम नहीं है। यहां पर बर्फ से लिखा ऊँ सभी को आकर्षित करता है। भगवान शिव की भूमि होने से इसे शिव से जोड़ा जाता है। इसके चलते यह गहन आस्था का केंद्र है। 2 दिन पहले पहाड़ में बढ़ते तापमान के चलते ओम पर्वत पर बर्फ पिघलने के चलते ओम पर्वत का पहाड़ काला दिख रहा था, जो चिंता का विषय बन गया था।

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बर्फबारी के बाद दिखने लगी ओम आकृति
हालांकि बर्फबारी के बाद अब एक बार फिर से श्रद्धालुओं में खुशी है। कुमाऊं मंडल विकास निगम प्रबंधक धारचूला दिनेश गुरुरानी ने बताया 2 दिन पहले पहाड़ से बर्फ पिघल जाने के चलते ओम पर्वत का पहाड़ काला दिख रहा था। अब एक बार फिर से बर्फबारी हुई है। उन्होंने बताया कि नाभीढांग में केएमवीएन के निगम कर्मियों ने ताजा हिमपात के बाद ऊँ चिह्न को अपने कैमरे में कैद किया है। बर्फबारी के बाद ऊँ का चिह्न दिखाई देने से दर्शन के लिए आने वाले पर्यटकों को निराश नहीं होना पड़ेगा। अगस्त के अंतिम सप्ताह से उच्च हिमालयी क्षेत्र में हल्की बर्फबारी शुरू हो जाती है। इस बार सितंबर, अक्तूबर में यात्रा पर आने वाले पर्यटक ताजा हिमपात का आनंद भी ले सकेंगे।

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वर्ष 1989 से लगातार कैलाश मानसरोवर यात्रा में प्रबंधक और बतौर गाइड जुड़े साहसिक पर्यटन प्रबंधक दिनेश गुरुरानी ने बताया कि यह पर्वत कई बार बर्फ विहीन रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पर्यावरण और यात्रा से जुड़े लोगों की अपनी-अपनी राय हो सकती है। इतना जरूर हुआ है कि यात्रा में वाहनों और हवाई जहाज की आवाजाही से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

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