केदारनाथ हादसा: हेलिकॉप्टर क्रैश में 7 की दर्दनाक मौत, मुख्यमंत्री धामी ने जताया शोक

देहरादून। उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के पास मंगलवार सुबह एक बड़ा हवाई हादसा हुआ, जिसने पूरे प्रदेश को शोक में डुबो दिया। आर्यन एविएशन का एक हेलिकॉप्टर, जो गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए रवाना हुआ था, गौरीकुंड-सोनप्रयाग के जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई, जिनमें पायलट और एक मासूम बच्चा भी शामिल हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, हादसा सुबह 5:17 बजे हुआ जब हेलिकॉप्टर ने केदारनाथ हेलीपैड से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी। बताया जा रहा है कि हेलिकॉप्टर घने कोहरे और खराब मौसम के कारण दृश्यता कम होने से संतुलन खो बैठा और हार्ड लैंडिंग की कोशिश में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

घटना की पुष्टि करते हुए उत्तराखंड के एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. वी. मुरुगेशन ने कहा कि हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है और रेस्क्यू टीमें मौके के लिए रवाना हो चुकी हैं। हालांकि ऊंचाई और खराब मौसम के चलते राहत कार्य में बाधाएं आ रही हैं।

सवार यात्रियों की सूची

1. राजवीर (पायलट)

2. विक्रम रावत, निवासी बीकेटीसी, रासी, ऊखीमठ

3. विनोद देवी, उत्तर प्रदेश

4. तृष्टि सिंह, उत्तर प्रदेश

5. राजकुमार सुरेश, गुजरात

6. श्रद्धा जयसवाल, महाराष्ट्र

7. राशि, महाराष्ट्र (शिशु)

जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की सक्रियता

रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि हादसा गौरीकुंड के घने जंगलों में हुआ। प्रशासन ने तत्काल एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और मेडिकल टीमों को घटनास्थल पर रवाना किया। मृतकों के शवों को निकालने और पहचान की प्रक्रिया जारी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया शोक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा, "रुद्रप्रयाग में हेलिकॉप्टर दुर्घटना का समाचार अत्यंत दुखद है। एसडीआरएफ व अन्य राहत टीमें मौके पर हैं। बाबा केदार से सभी की कुशलता की प्रार्थना करता हूं।"

उन्होंने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है।

लगातार हो रहे हादसे, उठ रहे सवाल

गौरतलब है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। 8 मई को उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री धाम जाते समय एक हेलिकॉप्टर हादसे में 6 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 7 जून को केदारनाथ जा रहे एक अन्य हेलिकॉप्टर को तकनीकी खराबी के चलते सड़क पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी।

इन घटनाओं ने हवाई सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सख्त दिशा-निर्देश, तकनीकी निरीक्षण और उड़ान से पहले मौसम की गहन समीक्षा की मांग उठ रही है।

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