UPPSC के खिलाफ अभ्यर्थियों का महाआंदोलन, परीक्षा प्रणाली और पारदर्शिता पर उठे सवाल

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के अभ्यर्थी एक बार फिर आयोग के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं। सोमवार को प्रयागराज स्थित यूपीपीएससी मुख्यालय पर बड़ी संख्या में छात्रों ने प्रदर्शन कर परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग उठाई। प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यालय के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए, जहां पुलिस के साथ PAC और RAF की तैनाती रही।

प्रदर्शन के दौरान समाजवादी छात्रसभा बीएचयू इकाई के अध्यक्ष हिमांशु यादव को बीएचयू चौकी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके अलावा कई अन्य छात्र नेताओं को भी डिटेन किया गया। छात्रों का साफ कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।

यह भी पढ़े - Ballia News : रेलवे ट्रैक पर युवक का शव बरामद, इलाके में सनसनी

अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद भी आयोग कुछ अहम जानकारियां सार्वजनिक नहीं कर रहा है। यह रवैया मनमानी और संभावित धांधली की ओर इशारा करता है, जिससे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। छात्रों का कहना है कि परीक्षा में पारदर्शिता को लेकर उठ रहे सवालों का आयोग संतोषजनक जवाब नहीं दे रहा।

छात्रों ने परीक्षा प्रणाली से जुड़े कई मुद्दे उठाए हैं, जिनमें परीक्षा पैटर्न, परीक्षा कैलेंडर में अनियमितता, रिजल्ट की पारदर्शिता और आंसर-की को लेकर आपत्तियां शामिल हैं। उनकी प्रमुख मांग है कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तर्ज पर यूपीपीएससी की मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक (ऑप्शनल) विषयों को हटाया जाए।

अभ्यर्थियों का कहना है कि अलग-अलग वैकल्पिक विषयों में अंक देने की प्रणाली में असमानता है, जिससे कुछ विषयों के छात्रों को अनुचित लाभ मिलता है, जबकि कुछ को नुकसान उठाना पड़ता है। इसी कारण ऑप्शनल विषयों को समाप्त किया जाना चाहिए।

इसके साथ ही छात्रों ने यूपी से संबंधित दो नए अनिवार्य पेपर शामिल करने की मांग भी की है। उनका तर्क है कि इससे प्रदेश के अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा और उन्हें उत्तर प्रदेश के प्रशासन, इतिहास, भूगोल और संस्कृति की बेहतर समझ विकसित करने का अवसर मिलेगा।

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन पूरी तरह छात्रहित में है और इसमें किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति की भागीदारी स्वीकार नहीं की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल छात्रों के आंदोलन की आड़ में अराजकता फैलाने और अपने राजनीतिक हित साधने की कोशिश कर रहे हैं। मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने भी कहा कि छात्रों के नाम पर किसी राजनीतिक दल की रैली या गतिविधि का समर्थन नहीं किया जाएगा और आंदोलन को पूरी तरह गैर-राजनीतिक रखा जाएगा।

खबरें और भी हैं

Copyright (c) Parakh Khabar All Rights Reserved.