Mahakumbh 2025: महाकुंभ में भगदड़ के बाद अब बसंत पंचमी पर होगा शाही स्नान, मौनी अमावस्या पर करोड़ों श्रद्धालु संगम में मौजूद

प्रयागराज। मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम पर दस करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान की संभावना है। हालांकि, भगदड़ की घटना के बाद 13 अखाड़ों ने शाही स्नान न करने का निर्णय लिया है। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए शहर में एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।

अखाड़ा परिषद ने लिया बड़ा फैसला

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा, "हमें इस घटना से गहरा दुख हुआ है। हमारे साथ हजारों श्रद्धालु थे, इसलिए जनहित में हमने फैसला किया कि आज अखाड़े स्नान में हिस्सा नहीं लेंगे। मैं श्रद्धालुओं से अपील करता हूं कि वे मौनी अमावस्या की बजाय बसंत पंचमी पर स्नान करें।"

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उन्होंने आगे कहा, "भगदड़ इसलिए हुई क्योंकि श्रद्धालु संगम घाट पर ही स्नान करना चाहते थे। लेकिन उन्हें जहां भी पवित्र गंगा का जल मिले, वहीं डुबकी लगा लेनी चाहिए। यह प्रशासन की गलती नहीं है, करोड़ों लोगों को संभालना आसान नहीं होता। हमें अधिकारियों का सहयोग करना चाहिए।"

श्रद्धालुओं की भारी भीड़, प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती

मौनी अमावस्या के अवसर पर त्रिवेणी संगम के घाटों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटे हुए हैं। 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से शुरू हुए महाकुंभ में पहले 15 दिनों में 15 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया है, और आज यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।

हालांकि, भगदड़ में हुई मौतों के बाद प्रशासन और पुलिस के लिए स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है, और श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है।

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